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सीकर का अनोखा मंदिर जिसे बनवाया सिर्फ महिलाओं ने…

locationसीकरPublished: May 08, 2019 07:27:44 pm

Submitted by:

Gaurav kanthal

राजस्थान के मानचित्र में शेखावाटी की अपनी ही अहमियत है। हाल ही में सीकर के एक गांव में महिलाओं द्वारा बनवाए गए इस अनोखे शिव मंदिर से सीकर फिर से चर्चा में आ गया है। 5 लाख की लागत से महिलाओं द्वारा मंदिर निर्माण की भी अपनी ही वजह है।

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शिश्यंू(सीकर). रानोली की शोभाकाली ढाणी मेंं महिलाओं ने मिलकर शिव मंदिर का निर्माण कराया है। पांच लाख की लागत वाले इस मंदिर का निर्माण महिलाओं ने घर के पास ही पूजा करने के उद्देश्य से करवाया है। इससे पूर्व महिलाओं को पूजा करने के लिए रोज करीब चार किलोमीटर दूर चलकर जाना पड़ता था।
रानोली की शोभाकाली ढाणी मेंं सैनी समाज की महिलाओं ने शिव मंदिर का निर्माण कराया। जिसमें मंगलवार को भगवान शिव की प्रतिमा की स्थापना की गई। महिलाएं को चार किमी दूर देवालय जाना पड़ता था। इसलिए घरेलू और कामकाजी महिलाओं ने यह मंदिर ढाणी में ही अपने खर्चे पर बनवाया। ढाणी की भगवती देवी, भंवरी देवी, झुमा देवी, गुलाबी देवी, सुशीला देवी, सुमन देवी, कैलाशी देवी, सरस्वती देवी, सावत्री देवी, लक्ष्मी देवी, संती देवी, आची देवी, प्रमेश्वरी देवी, संतरा देवी आदि महिलाओं की मेहनत से मंदिर का निर्माण संभव हो सका। करीब 5 लाख की लागत से यह मंदिर का निर्माण हुआ। नवनर्मित मंदिर में मंगलवार को मूर्ति स्थापना की गई। इससे पहले मूर्तियों को नगर भ्रमण करवाया गया एवं महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली गई साथ ही विशाल भण्डारा का आयोजन भी किया गया। शिश्यंू गांव में कुछ महिलाओं ने करीब पांच साल पहले गांव के सार्वजनिक चौक में करीब पांच लाख रूपयों की लागत से अन्नपूर्णा देवी का मंदिर बनवाया था। इन्ही महिलाओं से प्ररेणा लेकर सैनी समाज की महिलाओं ने भी शिवालय बनाने की मन में ठान ली।
पाटोत्सव पर निशान यात्रा निकाली
पलसाना. इलाके के श्यामपुरा गांव के ग्रेड वाले बालाजी के पाटोत्सव पर दो दिवसीय मेला मंगलवार से शुरू हुआ। सुबह पुजारी देशराज बोराण के सान्निध्य में देवीपुरा बालाजी सीकर, दौलतपुरा, कटराथल, बगडिय़ों की ढाणी पिपराली व केशा की ढाणी से अलग अलग निशान पद यात्राएं रवाना होकर श्यामपुरा पहुंची। इस दौरान रामदरबार व बालाजी की विभिन्न प्रकार की झांकियां सजाई गई। इसके बाद गांव में कलश यात्रा निकाली गई। इसके बाद हवन हुआ और बालाजी को भोग लगाकर भंडारा किया गया। शाम को कुश्ती हुई। इसमें सीकर के अलावा अन्य जिलों से आए पहलवानों ने हिस्सा लिया। इस दौरान धोलूराम माली, बनवारीलाल बगडिय़ा, सीताराम थौरी, मुकंदाराम, गोविन्दराम आदि मौजूद थे।
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