
बारिश (फोटो: पत्रिका)
Post Monsoon Season Heavy Rain: शेखावाटी सहित प्रदेश में मानसून की विदाई के बाद बारिश का दौर शुरू हो गया है। जिले में मंगलवार को जमकर बारिश हुई। इससे कई जगह किसानों की फसलों का नुकसान पहुंचा है। जिले में औसतन एक इंच बारिश दर्ज की गई। इस दौरान जिले की लक्ष्मणगढ़ तहसील में सर्वाधिक दो इंच से अधिक वर्षा दर्ज की गई।
करीब चार बजे शुरू हुई तेज बारिश का दौर 25 मिनट तक चला। इसके बाद सुबह 11 बजे तक कभी तेज तो रुक-रुक कर बारिश जारी रही। जिला मुख्यालय पर नवलगढ़ रोड, लुहारू स्टैंड, सिल्वर जुबली रोड, बकरा मंडी सहित कई निचले इलाकों में पानी भर गया। दिन चढ़ने के साथ मौसम साफ हुआ।
दोपहर बाद रींगस तहसील में करीब एक इंच बारिश हुई। बरसात के बाद वातावरण में नमी का स्तर बढ़ने के कारण मौसम में ठंडक घुल गई और दिन के तापमान में पांच डिग्री गिरने से गर्मी और उमस छूमंतर हो गई। देर शाम तक मौसम सुहाना रहा। फतेहपुर में अधिकतम तापमान 30 डिग्री , न्यूनतम 21.4 और सीकर में अधिकतम 35 व न्यूनतम तापमान 22 डिग्री दर्ज किया गया।
कृषि विभाग के अनुसार प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमित किसान खलिहान में सूखने के लिए रखी गई फसल के नुकसान के लिए खुद भी शिकायत दे सकते हैं। प्रभावित खेत में व्यक्तिगत सर्वे के लिए यह शिकायत ऑनलाइन पोर्टल, हेल्पलाइन या लिखित में 72 घंटे में संबंधित बैंक व कृषि विभाग को दी जा सकेगी। 72 घंटे में किसान की ओर से पूरी सूचना नहीं देने पर सात दिन में भी निर्धारित प्रपत्र में संबंधित बीमा कम्पनी को आवश्यक रूप से देने पर मुआवजे का प्रावधान है। बैंक स्तर पर इस संबंध में सूचना मिलने पर बीमित फसल, बीमित क्षेत्र, प्रीमियम की कटौती की तिथि आदि का सत्यापन करते हुए बीमा कंपनी को प्रकरण को फौरन भेजना होगा।
नेछवा उपखंड के तूनवां गांव में आकाशीय बिजली गिरने से खेत में काम कर रही महिला की मौत हो गई। हादसे के दौरान मौजूद पुरुषोत्तम स्वामी व बिन्दुदेवी भी बिजली गिरने से झुलस गए। प्रत्यक्षदर्शी जीवणराम काजला ने बताया कि काम करते समय अचानक मौसम खराब हो गया तथा बरसात होने लगी। अचानक अंधेरा सा छा गया और तेज आवाज हुई। आंख खुली तो सभी इधर-उधर गिरे हुए थे। एक दूसरे को संभालकर उठाया। लेकिन मंजू राकावत (32) नहीं उठी। उसे लेकर अस्पताल पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मंगलवार को पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया। मंजू के दो बच्चे हैं। इस संबंध में मृतका के पति श्याम सुंदर राकावत ने रिपोर्ट दी है।
प्रदेश के मौसम विभाग के अनुसार उत्तरी-पश्चिमी राजस्थान के ऊपर ट्रफ लाइन के कारण बारिश का दौर शुरू हुआ है। मौसम विभाग ने २४ घंटे शुष्क रहने के बाद सीकर और झुंझुनूं जिले में तीन दिन बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। पूर्वानुमान के अनुसार छह से आठ अक्टूबर के दौरान बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होने की प्रबल संभावना है। इधर फिर बरसात होने की आशंका से किसानों में चिंता का माहौल है।
धोद क्षेत्र में मंगलवार सुबह हुई करीब तीन घंटे की तेज बरसात ने किसानों के सपनों पर पानी फेर दिया। कटाई के समय में आई इस बरसात से खेतों में पड़ी बाजरा, मूंग, मोठ, ग्वार और मूंगफली की फसलें पूरी तरह खराब हो गईं। पहले से ही बरसात की मार झेल रहे किसानों की बची-खुची उम्मीदें भी इस बारिश ने तोड़ दी। किसान जगदीश प्रसाद बगड़िया और रामनिवास बगड़िया नागवा ने बताया कि उनके खेतों में बाजरे की कटी फसल पड़ी थी, जो बरसात में खराब हो गई। साथ ही प्याज की पौध तैयार करने के लिए बोया गया बीज भी पानी में मिलकर जमीन में दब गया। अब फसल और पौध दोनों ही हाथ से निकल गए हैं। कई जगह किसानों की मूंगफली की फसल खुदाई की हुई थी, जो खेत में बरसात के पानी की वजह से भीग गई थी।
धोद इलाके के मूंडवाडा गांव में बालाजी का नाड़ा स्थित बलवीर बेरवाल के खेत में मंगलवार सुबह आकाशीय बिजली गिरने से दो पशुओं की मौके पर ही मौत हो गई। खेत के पास बने किसान के मकान में बिजली के उपकरण भी जलकर राख हो गए। बिजली गिरने की तेज आवाज से घर के अंदर मौजूद चार बच्चियां बेहोश हो गईं। सूचना पर स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचा और स्थिति का जायजा लिया। इधर धोद के पूर्व विधायक पेमाराम भी मौके पर पहुंचे और प्रभावित परिवार से मुलाकात कर नुकसान का जायजा लिया। किसानों ने कहा कि सरकार और प्रशासन जल्द से जल्द सर्वे करवाकर उन्हें मुआवजा दे।
मौसम बदलने के कारण अजीतगढ़ क्षेत्र में बरसात हुई। इससे फसलों का नुकसान हुई है। इस दौरान मंडूस्या वाली ढाणी में टीनशेड पर बिजली गिर गई। गनीमत रही कि किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। गनीमत रही कि समय रहते टिनशेड में बंधे पशुओं को समय रहते ही बाहर निकाल लिया। इससे पशुधन बच गया। वहीं जिला मुख्यालय के पास बेरी धर्मशाला में आकाशीय बिजली गिरने से एक बाड़े में कई पशु काल का ग्रास बन गए। रविंद्र काजला ने बताया कि पशुओं की अकाल मौत से पशुपालक को हजारों रुपए का नुकसान हुआ है।
Published on:
01 Oct 2025 03:17 pm
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