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धरती के गर्भ में तांबे के भंडार…खोद दी 160 मीटर गहराई तक जमीं

locationसीकरPublished: Jul 21, 2021 08:29:23 pm

Submitted by:

Narendra

दो बरस से भू सर्वेक्षण विभाग की टीम जुटी है

धरती के गर्भ में तांबे के भंडार...खोद दी 160 मीटर गहराई तक जमीं

धरती के गर्भ में तांबे के भंडार…खोद दी 160 मीटर गहराई तक जमीं

सीकर. अगर सबकुछ ठीक रहा तो शेखावाटी की धरती इतना ताम्बा उगलेगी, कि देश में आधे से ज्यादा ताम्बे की आपूर्ति यहीं से संभव हो सकेगी। पिछले दो साल से इसके लिए भू सर्वेक्षण विभाग सर्वे कर रहा है। इसके अलावा अब तक 160 मीटर गहराई तक खुदाई भी की जा चुकी है। ताम्बे के ये भंडारे सीकर जिले के नीमकाथाना क्षेत्र के गणेश्वर क्षेत्र में है। मिट्टी की जांच सही पाई गई तो भविष्य के सपने सच साबित होंगे। स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। गांव में भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग द्वारा गणेश्वर क्षेत्र में तांबे की खोज को लेकर करीब हवाई सर्वेक्षण करवाया गया था। दो वर्ष पूर्व धरातल पर धातु की खोज शुरू हुई। पत्थरों के नमूने जांच के लिए भेजे गए। अब क्षेत्र में तीन माह से धरती के गर्भगृह की 160 मीटर गहराई तक की मिट्टी निकाल कर जांच के लिए हैदराबाद ले जाई जा रही हैं। गौरतलब है कि गणेश्वर क्षेत्र में पुरातत्व विभाग को कई बरस पहले खुदाई कर तांबे के तीर,कमान, सिक्के मिल चुके हैं। दो वर्ष पूर्व उत्तरप्रदेश के वाराणसी विश्वविद्यालय की टीम ने भी खुदाई कर तांबे की चुडिय़ा, मिट्टी के पात्र आदि मिले थे। टीम ने यहां पांच हजार वर्ष पुरानी किसी सभ्यता के अवशेष मिलने का दावा किया था। मोहन जोदड़ो हड़पा सभ्यता कालीन के समय के अवशेष कमान में मिले थे। आज भी गणेश्वर पुरातत्व विभाग का संग्रहित क्षेत्र हैं। वर्तमान समय में भूवैज्ञानिक विभाग 10 पॉइंटो पर धरती के गर्भगृह की मिट्टी निकाल कर शोध कर रहे हैं कि तांबा कितनी मात्रा में मिल सकता हैं। गांव आगरी, रावजी की ढाणी, बड़वाला, गणेश्वर, कालामेडा, कीरो की ढाणी, भूदोली नदी क्षेत्र में जांच के लिए मिट्टी निकाली जा चुकी है। अधिकारियों ने कार्य में जुटे कर्मचारियों को संकेत भी दिया। गांव आगरी, बड़वाला, रावजी की ढाणी सहित 6 पॉइंट तांम्बे की खोज के लिए अव्वल रह सकते हैं।
तो चल सकती है मालगाड़ी
अधिकारियों की माने तो तांम्बे की मात्रा 50 प्रतिशत से अधिक मिलती हैं तो क्षेत्र में मालगाड़ी तक का आवागमन हो सकता हैं। जिसका अलवर, खेतड़ी, कॉपर तक जुड़ाव रहेगा। खुदाई कार्य में जुटे मजदूर व कर्मचारियों का कहना था कि बरसात के चलते किसानों द्वारा खेतो में बीज बुवाई को लेकर अब चार माह तक कार्य बंद रहेगा।
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