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सिंगरौली में महिला बैरक चालू होने से कम हुआ दबाव, पडऱा जेल में फिर भी दोगुना कैदी

महिला, बच्चों के लिए विशेष सुविधा की दरकार

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सिंगरौली/सीधी. जिला जेल पडऱा में बंदियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जबकि, उस लिहाज से सुविधाओं का विस्तार नहीं किया जा रहा। यही वजह है कि यहां इस समय क्षमता से दो गुना कैदी हैं। हालांकि, सिंगरौली की पचौर जेल में महिलाओं के लिए बैरक बन जाने से थोड़ा दबाव यहां का कम हुआ है फिर भी व्यवस्थाएं कम पड़ रही हैं। इसके लिए अधीक्षक को मशक्कत करनी पड़ती हैं। हालांकि, वे यह भी कहते हैं कि प्रदेश की सभी जेलों में यही स्थिति है।
पडऱा स्थित जिला जेल में 190 कैदी रखने की क्षमता है, लेकिन वर्तमान में यहां 298 कैदी बंद हैं। इनमें से 214 पुरुष और 3 महिला विचाराधीन बंदी व 76 पुरुष व 2 महिला दंडित कैदी शामिल हैं। बंदिया की संख्या क्षमता से दोगुनी होने के कारण जेल अधीक्षक को यहां व्यवस्था बनाने में काफी परेशान होना पड़ रहा है। जिला जेल में आठ बैरक हैं। 1 बैरक में 40-45 कैदी रखने पड़ते हैं।

सिंगरौली स्थानांतरित हुईं 15 महिला कैदी
पूर्व में सिंगरौली की पचौर जेल में महिला कैदियों के लिए वार्ड नहीं बना था, जिस कारण सीधी की पडऱा जेल में महिला बंदियों को रखा जाता था। हाल ही में पचौर जेल में महिला बैरक का निर्माण करा दिया गया है। ऐसी स्थिति में पडऱा जेल से 15 महिला कैदियों को सिंगरौली जेल में स्थानांतरित किया जा चुका है। जिससे पडऱा जेल को हद तक कैदियों की भीड़ से निजात मिली है।

जेलों के सीसीटीवी कैमरे ठीक कराया जा रहा
जिला जेल अधीक्षक कुलवंत सिंह धुर्वे ने कहा किक्षमता से अधिक कैदी रखे जाने वाली समस्या सीधी ही नहीं देश के लगभग सभी जेलों में हैं। जहां तक व्यवस्थाओं में सुधार की बात है जब से पदस्थ हुआ हूं व्यवस्थाएं दुरूस्त करने में ही लगा हूं। जेल के बंद सीसीटीवी कैमरों को ठीक कराया जा रहा है। साथ ही भवन निर्माण के लिए भी प्रस्ताव भेजा गया है।