
Singrauli Prayagraj Highway: मध्यप्रदेश में इन दिनों मुआवजे के घरों की चर्चा जोरों पर हो रही हैं। ये मुआवजे के घर दरअसल उस घोटाले का हिस्सा हैं जो कि सिंगरौल से प्रयागराज तक बनने वाले हाईवे की जमीन पर किया जा रहा है। ज्यादा मुआवजा लेने के लिए दिन रात एक जिस जगह से हाईवे गुजरना है उस जमीन पर मकान की दीवारें खड़ी की जा रही हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कुछ दिनों पहले तक जो जमीन खाली थी और इक्का दुक्का घर ही नजर आते थे वहां पर अब हजारों मकान निर्माणाधीन हैं। हालांकि इस बात की भनक अधिकारियों को लग चुकी है।
मध्य प्रदेश के सिंगरौली में निर्माणाधीन प्रयागराज हाईवे पर मुआवजे का खेल शुरू हो गया है। इस हाईवे का 70 किमी का हिस्सा सिंगरौली जिले में आता है। इसके लिए सर्वे का काम पूरा हो चुका है। हाईवे प्रोजेक्ट पास होने के बाद ही अधिक मुआवजा दिलाने के लिए दलालों का रैकेट सक्रिय हो गया और कुछ ही महीनों में 2,500 के करीब मकान उस जमीन पर बन चुके हैं जहां से कि हाईवे गुजरना है। हैरानी की बात ये है कि प्रोजेक्ट पास होने के बाद जमीन खरीदने वालों में नेता और अफसर भी पीछे नहीं हैं।
बता दें कि सिंगरौली-प्रयागराज हाईवे का 70 किमी हिस्सा सिंगरौली जिले की चितरंगी और दुधमनिया तहसील से होकर गुजरता है। 740 करोड़ की लागत से बनने वाले इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही मार्च में शुरू हुई और सर्वे के बाद यहां पर मकान बनाने व जमीन की खरीद फरोख्त पर रोक लगा दी गई। लेकिन इसके बावजूद मुआवजे के लालच में घर बनाए जा रहे हैं। मुआवजे के लिए बनने वाले घरों की खबर NHAI के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंच चुकी है। तो वहीं चितरंगी एसडीएम सुरेश जाधव का कहना है कि जब सर्वे हुआ था तो 500 घर ही आ रहे थे। अब 2,500 मकान बन चुके हैं। ऐसे में सर्वे के बाद बने घरों का मुआवजा नहीं दिया जाएगा।
Updated on:
11 Jul 2024 08:19 pm
Published on:
11 Jul 2024 08:18 pm
बड़ी खबरें
View Allसिंगरौली
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
