
Urban Administration and Development Department issued the order
सिंगरौली. स्वच्छता सर्वेक्षण व स्वच्छता संबंधित कार्यों में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लागू आचार संहिता आड़े नहीं आएगी। शहरवासियों की सुविधाओं को ध्यान रखते हुए स्वच्छता संबंधित कार्यों को आचार संहिता से मुक्त कर दिया गया है। नगर निगम के लिए इस बावत आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की ओर से जारी आदेश के मद्देनजर निगम की ओर से स्वच्छता संबंधित सारे कार्य न केवल कराए जा सकेंगे, बल्कि कार्य कराने के बावत एजेंसियों का निर्धारण भी किया जा सकेगा। एजेंसी निर्धारित करने के लिए टेंडर की प्रक्रिया अपनायी जाएगी। गौरतलब है कि आचार संहिता लागू होने के बाद इन कार्यों पर प्रतिबंध लगा हुआ माना जा रहा था, लेकिन विभाग की ओर से आदेश जारी कर वस्तुस्थिति को स्पष्ट कर दिया गया है। माना जा रहा है कि स्वच्छता सर्वेक्षण का कार्य प्रभावित न हो, इसके लिए नगरीय प्रशासन विभाग ने निर्वाचन आयोग से विशेष अनुमति प्राप्त की है। निगम अधिकारियों की माने तो आचार संहिता की पाबंदियां हटने के बाद निजी व सार्वजनिक शौचालय निर्माण से लेकर पेयजल की आपूर्ति व कचरा निस्तारण सहित बाकी के कई कार्य कराए जा सकेंगे।
नए कार्यों के लिए नहीं मिलेगी स्वीकृति
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि आचार संहिता से वही कार्य मुक्त रखे गए हैं, जिनकी राज्य शासन या फिर विभाग स्तर से पूर्व में स्वीकृति दी जा चुकी है। नए कार्यों की स्वीकृति लेना आचार संहिता लागू रहने तक संभव नहीं है। इसलिए इस बावत प्रयास नहीं किए जाएं।
किसी जनप्रतिनिधि का न हो प्रचार
स्वच्छता संबंधित कार्यों को आचार संहिता से मुक्त होने की सूचना के साथ ही संबंधित अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि संबंधित कार्य में किसी भी पार्टी, नेता, मंत्री या जनप्रतिनिधि की फोटो या अन्य प्रचार-प्रसार संबंधित विवरण नहीं प्रदर्शित होना चाहिए।
ये कार्य होंगे
सूखे कचरे के निस्तारण के लिए टेंडर व निर्माण कार्य हो सकेगा। स्वच्छता को लेकर मोहल्लों में प्रचार-प्रचार कर सकते हैं। पेयजल योजना के विस्तार का कार्य शुरू कर सकते हैं। नाले-नालियों की सफाई व संधारण का कार्य कराना संभव है। व्यक्तिगत व सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कार्य भी संभव है।
Published on:
11 Nov 2018 11:20 pm
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