सड़क पर बैठे लोगों का नेतृत्व कर रहे सुशील प्रजापत ने आरोप लगाया कि राजनीतिक दबाव में स्वीकृति दी गई है। हमने नगर परिषद में सभी कारण बताए। जिस भवन पर टावर लग रहा है, वह पांच मंजिला होना चाहिए, २० फीट चौड़ी सड़क होनी चाहिए, पास में चिकित्सालय, मंदिर नहीं होने चाहिए लेकिन यहां नियम पूरे नहीं होते। इसे लेकर राज्य मंत्री देवासी से भी बात की लेकिन उन्होंने कोर्ट जाने की सलाह दी। उन्होंने महंत लहर भारती पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ बाबा जी बच्चों के लिए दस टावर न्यौछावर करने की बात कहते हैं लेकिन शनिवार -रविवार रात को ही काम शुरू करवा देते हैं। ओटाराम पर तंज कसते हुए कहा कि विधायक हमारे लिए हाजिर नहीं हैं, सिर्फ पांच साल होते हैं, हाथ जोड़ते हुए आते हैं और कहते हंै हमारे पास जेब नहीं हैं। पर आजकल लोग जेब में नहीं अकाउंट में पैसे रखते हैं, हमको क्या पता कि उनके अकाउंट में कितने पैसे गए हैं?
पूर्व विधायक ने कहा कि आबादी क्षेत्र में कोई टावर लगता है और उससे सटा मकान होता है तो कैंसर फैलने की आशंका बढ़ती है। ऐसे में जब मोहल्ले के लोगों ने परिषद में आपत्ति लगाई थी तो बिना सुनवाई अनुमति देने का क्या अर्थ? अस्पताल भी पास में है, मकान सटे हुए हैं, ऐसे में टावर नियम विरुद्ध लग रहा है। यह टावर यहां नहीं लगेगा। उन्होंने एनओसी निरस्त करवाने की बात कही। इसके बाद सभी रैली के रूप में कलक्ट्रेट गए और एडीएम को ज्ञापन दिया। इस दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष जीवाराम आर्य भी मौजूद थे।
एडीएम कार्यालय में पूर्व विधायक समेत मोहल्ले के लोग ज्ञापन देने गए। एडीएम ने इसकी जांच कर सख्त कार्रवाई की बात कही। इस दौरान पुलिस उप अधीक्षक विक्रमसिंह ने भी कहा कि जयपुर में भी खूब टावर हटाए हंै, यहां पर भी हटवा दिया जाएगा।
रेवानाथ अखाड़े की भूमि का २० फरवरी २००२ को नगर पालिका ने महंत लहर भारती के नाम आवंटन किया था। इसमें आवंटी को भूमि हस्तांतरण का अधिकारी नहीं होना, आवासीय उपयोग में ही लेने, पेड़ों को नगर पालिका की आज्ञा के बिना नहीं काटने तथा झूठे आवेदन का उपयोग करने पर आवंटन रद्द होने की शर्तें लिखी हैं।