
सिरोही. जिला मुख्यालय स्थित प्राचीन जलस्रोत ऐतिहासिक 5 बावड़ियों की सूरत बदलने वाली है। मुख्यमंत्री के सलाहकार एवं स्थानीय विधायक संयम लोढ़ा के प्रयास से शहर की प्राचीन बावड़ियों का जीर्णोद्धार व सौंदर्यकरण किया जाएगा, जिससे आने वाले दिनों में बावड़ियां आकर्षक नजर आएगी। विधायक संयम लोढा ने मंगलवार देर शाम को सिरोही जिला मुख्यालय की रतन बावड़ी के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यकरण कार्यों का शिलान्यास किया। इस मौके पर विधायक ने कहा कि शहर की बावडिय़ां आने वाले दिनों में पर्यटकों व शहर वासियों के लिए आकर्षण का केन्द्र होगी। इस जीर्णोद्धार में ऐतिहासिक ढांचे का ध्यान रखते हुए विकास कार्य किया जाएगा।
वर्तमान में शहर में 5 बावडिय़ों का विकास कार्य होना है, जिसमें दो बावडिय़ों का कार्य शुरू हो चुका है। साथ ही अन्य तीन बावड़ियों के लिए भी जीर्णोद्धार का कार्य जल्द शुरू किया जाएगा। नगरपरिषद के सभापति महेन्द्र मेवाड़ा ने कहा कि बावड़ियों का जीर्णोद्धार व सौंदर्यकरण करना एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। कार्यक्रम का संचालन कार्तिकेय शर्मा ने किया। कार्यक्रम में जावाल नगरपालिका अध्यक्ष कानाराम राणा, तेजाराम मेघवाल, प्रकाश प्रजापति, हरीश राठौड, प्रवीण जाटोलिया व अन्य जन प्रतिनिधि समेत कई लोग मौजूद थे।
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250 से 400 साल पुरानी हैं बावड़ियां
इतिहासकारों के अनुसार शहर में बनी बावड़ियां करीब 250 से 400 साल पुरानी हैं, जो मरम्मत के अभाव में अपना वजूद खो रही थी। अब जीर्णोद्धार कार्य से हेरिटेज लुक प्रदान किया जाएगा। इतिहासकार आशुतोष पटनी ने बताया कि रतनवाव सिरोही रियासत के महाराव अखेराज द्वितीय की रानी रतन कंवर की याद में विक्रम संवत 1732 में रतनवाव बनवाई थी। यानी आज से 348 साल पहले यह बावड़ी बनी थी। अभी विक्रम संवत 2080 चल रहा है। इधर, प्रकाश सिंह राठौड ने बताया कि सिरोही रियासत के राजाओं ने बारिश के पानी को सहेजने के लिए अलग-अलग कालखंड में बावडिय़ां बनवाई थी। जिन बावडिय़ों का जीर्णोद्धार होना है वो 250 से 400 साल पुरानी है। संरक्षण के अभाव में ऐतिहासिक बावडिय़ां साल दर साल अपना वजूद खो रही है, जिन्हें दुबारा हेरिटेज लुक में लाने के साथ सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा।
जीर्णोद्धार में यह होगा कार्य
विधायक लोढा ने कहा कि इस दौरान बावड़ियों में जमा मिट्टी व गंदगी को हटाकर साफ सफाई की जाएगी। साथ ही क्षतिग्रस्त हो चुकी दीवारें, उखड़े पत्थर, ईंट आदि की चूने व सुरखी से मरम्मत की जाएगी। बावडिय़ों को इस तरह से कवर किया जाएगा कि पर्यटकों को देखने में असुविधा व इनमें दुबारा गंदगी न हो। आकर्षण रोशनी के साथ पर्यटकों के बैठने की सुविधा की जाएगी।
Updated on:
01 Jun 2023 03:18 pm
Published on:
01 Jun 2023 03:15 pm
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