सेमीफाइनल में रवि दहिया का मुकाबला कजाकिस्तान के पहलवान नूरइस्लाम सानायेव से हुआ था। मैच के दौरान नूरइस्लाम ने खुद को रवि दहिया के चंगुल से छुड़ाने के लिए और मैच को बचाने के लिए रवि दहिया को काट लिया था। इसके बाद कजाकिस्तान के पहलवान की काफी आलोचना हुई थी। सभी ने रेसलर की इस हरकत को शर्मनाक बताया। वहीं आजतक के एक कार्यक्रमें जब रवि दहिया से पूछा गया कि उन्होंने इसका विरोध क्यों नहीं किया? इसके जवाब में रवि ने कहा कि बताया कि उन्होंने रेफरी को इस बारे में बताया था, लेकिन इस बारे में विरोध करने का कोई फायदा नहीं था। रवि दहिया ने कहा कि वह भी देश के लिए खेल रहा था और मैं भी। साथ ही उन्होंने कहा कि ‘दोस्त है वो मेरा और अगले दिन उसने माफी भी मांगी थी। इसलिए इस पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं।’
साथ ही रवि दहिया ने कहा कि मैट पर उतरने के बाद कोई भी पहलवान छोटा या बड़ा नहीं होता। रवि का कहना है कि मैच के दौरान फोकस बस कुश्ती पर होता है। साथ ही उन्होंने कहा कि अगली बार वे पूरी कोशिश करेंगे कि सिल्वर को गोल्ड में बदल सकें।वहीं रवि के कोच का भी कहना है कि फोकस हमेशा गोल्ड पर ही होना चाहिए। कोच ने कहा कि ओलंकपक में जाने से पहले उन्होंने रवि को इसी बात पर ध्यान देने के लिए कहा था।
इसके अलावा कार्यक्रम के दौरान रवि दहिया के कोच ने कहा कि फाइनल मैच में रेफरी ने कई गलतियां की। उनका कहना है कि अगर रेफरी गलतियां नहीं करते और समय रहते रवि को कुछ और प्वाइंट मिल जाते तो मैच उनके नाम हो सकता था। कोच सतपाल का कहना है कि रवि को आरओसी के जाउर उगुएव के खिलाफ तीन प्वाइंट और मिलने चाहिए थे। अगर वो प्वाइंट रेफरी दे देते तो फाइनल में मुकाबला टाई हो जाता। साथ ही उनका कहना है कि कई दूसरे कोच ने उस आखिरी मुकाबले को कई बार देखा था। सभी को यही लगा कि रेफरी से कुछ गलतियां हुई हैं। जहां प्वाइंट मिलने चाहिए थे, वहां भी नहीं दिए गए।