चीन की होऊ झिऊई ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया। होऊ झिऊई ने कुल 210 किलोग्राम (स्नैच में 94 किग्रा, क्लीन एवं जर्क में 116 किग्रा) से गोल्ड मेडल जीता। इंडोनेशिया की ऐसाह विंडी कांटिका ने कुल 194 किग्रा का वजन उठाकर कांस्य पदक हासिल किया।
मीराबाई ने 48 किेलोग्राम भार वर्ग में वर्ष 2017 में वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप की चैंपियन बनी थीं। इसके अलावा उन्होंने इसी वर्ष अप्रेल माह 86 किलो स्नैच और वर्ल्ड रेकॉर्ड 119 किलो वजन उठाकर खिताब जीता था। उन्होंने कुल 205 किलो वजन उठाकर ब्रॉन्ज मेडल जीता था। हालांकि रियो ओलंपिक में चानू का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था। इसके बाद उन्होंने अपने खेल में सुधार किया और वर्ष 2017 में वर्ल्ड चैंपियनशिप और वर्ष 2018 में कॉमनवेल्थ में गोल्ड मेडल जीता था।
चानू ने पिछले ओलेंपिक से लेकर अब तक अपने खेल में काफी सुधार किया है, जो इस ओलंपिक में देखने को मिल रहा है। उन्होंने अपनी तकनीक में भी सुधार किया है। चानू 1 मई को स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग की ट्रेनिंग करने के लिए अमरीका चली गई थीं। वहां उन्होंने कोच डॉक्टर आरोन हार्सचिंग के साथ ट्रेनिंग की। यहां पर चानू ने अपने कंधे की चोट का इलाज भी करवाया। टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए मीराबाई अमरीका से सीधे जापान पहुंची।