पिता ने मन मारकर अपनी लाडली के जीवन की डोर भगवान के हाथ सौंप रखी थी। इसी बीच राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्कूल के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण हुआ तो चिकित्सकों को प्रिया की गंभीर बीमारी का पता चला। अब इसी कार्यक्रम के तहत उसका निशुल्क ऑपरेशन हुआ है और वह पूर्णत: स्वस्थ है।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम श्रीगंगानगर ब्लॉक की टीम प्रभारी डॉ. सोनल कथूरिया बताती हैं कि भट्ठा कॉलोनी स्कूल में नियमित जांच के दौरान हमने नौ साल की प्रिया को देखा तो महसूस हुआ कि उसे कोई गंभीर बीमारी है। परिजनों से पूछने पर मालूम हुआ कि उसे सांस लेने में काफी परेशानी होती है, वह दौड़ नहीं सकती, सांस फूलता है और वह सामान्य बच्चों की तरह जिंदगी नहीं जी रही।
अब तक 85 ऑपरेशन
योजना के प्रभारी डॉ.वीसी असीजा के अनुसार अब तक ह्रदय रोग से पीडि़त 85 बच्चों का नि:शुल्क ऑपरेशन इस योजना में करवाया जा चुका है। सभी बच्चे स्वस्थ हैं। जिले के आठ ब्लॉकों में 16 टीमें लगातार सरकारी स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों पर जाकर बच्चों की जांच करती है। गंभीर बीमारी होने पर उन्हें चिन्हित कर उच्च संस्थान पर रैफर करती है। जहां उनका नि:शुल्क उपचार होता है।
सरकार ने दी जिंदगी
प्रिया के पिता रेहड़ी लगाते हैं और वे बेहद गरीब हैं। तब बिना देरी किए प्रिया की स्थानीय निजी हॉस्पिटल में इको करवाई, जिसमें गंभीर हृदय रोग की पुष्टि हुई। सीओआईईसी विनोद बिश्रोई ने बताया कि इसके बाद तुरंत प्रभाव से बच्चे की रिपोर्ट जयपुर भेजते हुए उसके ऑपरेशन की तारीख मांगी गई। इस पर जयपुर से भी त्वरित कार्रवाई हुई और वहां के सीकेएस हॉस्पिटल में प्रिया का नि:शुल्क ऑपरेशन हुआ। प्रिया अब पूरी तरह से ठीक है और वह सामान्य बच्चों की तरह जीवन यापन कर रही है। उसके पिता रामेश्वर कहते हैं कि बेटी की जिंदगी सरकार की देन है।