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जांच के बाद भी जच्चा-बच्चा वार्ड का टॉयलट बदहाल

locationश्री गंगानगरPublished: Sep 01, 2018 11:14:01 am

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Rajaender pal nikka

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toilet

जांच के बाद भी जच्चा-बच्चा वार्ड का टॉयलट बदहाल

श्रीगंगानगर.

राजकीय जिला चिकित्सालय के जच्चा-बच्चा वार्ड की बदहाली जिला कलक्टर के आदेश पर हुई जांच के बाद भी दूर नहीं हुई। जांच तहसीलदार ने की और अपनी रिपोर्ट कलक्टर को सौंप दी। रिपोर्ट में वार्ड के कॉमन टॉयलट की बदहाली का उल्लेख है।
प्रशासन की अपील पर पुरानी आबादी वार्ड दस के अनिल सिंघल ‘चिडिय़ा’ ने अपने पिता राधेश्याम सिंघल की स्मृति में कॉमन टॉयलट का निर्माण करवाया था। इस कार्य के लिए प्रशासन ने उन्हें गणतंत्र दिवस के जिला स्तरीय समारोह में सम्मानित भी किया। दानदाता ने इसी वर्ष 4 जुलाई को जिला चिकित्सालय जाकर पिता की स्मृति में बनाए कॉमन टॉयलट का जायजा लिया तो उसकी बदहाली देख कर दंग रह गए।
इसकी शिकायत उन्होंने उसी दिन जिला कलक्टर से की, जिसमें दानदाताओं के सहयोग से चिकित्सालय में उपलब्ध कराई गई सुविधाओं की बदहाली के लिए प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ.सुनीता सरदाना और उप नियंत्रक प्रेम बजाज को
दोषी ठहराया।
जांच के आदेश दिए
इस शिकायत पर जिला कलक्टर ने 6 जुलाई 2018 को तहसीलदार को जिला चिकित्सालय में जाकर कॉमन टॉयलट का निरीक्षण कर वस्तुस्थिति की रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए। इस आदेश की पालना में तहसीलदार ने शिकायतकर्ता के बयान लिए और फिर जिला चिकित्सालय जाकर कॉमन टॉयलट का निरीक्षण किया। जांच के बाद 2 अगस्त को तहसीलदार ने अपनी रिपोटज़् कलक्टर को सौंप दी।
क्या है रिपोर्ट में
तहसीलदार ने अपनी जांच रिपोर्र्ट में शिकायतकर्ता के आरोपों को सही बताते हुए कॉमन टॉयलट की नियमित साफ सफाई और रख रखाव के बारे में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए जाने का सुझाव दिया। वर्तमान में यह रिपोर्ट जिला कलक्टर कायाज़्लय में पड़ी है। कॉमन टॉयलट की अभी जो हालत है उसे देखकर यह नहीं कहा जा सकता कि तहसीलदार के सुझाव पर कलक्टर कार्यालय ने प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को कोई निर्देश दिए हैं।
इसकी शिकायत उन्होंने उसी दिन जिला कलक्टर से की

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