महिला सियार को बांधकर गोद में उठाकर ले गई और उसको दमकल की गाड़ी में डाल दिया।
लोगों ने बताया कि पुरानी आबादी स्थित छोटे हनुमानमंदिर के सामने धालेवाला स्ट्रीट में बुधवार सुबह जानवर घुस आया। सुबह 6 बजे कुत्तों के भोंकने की आवाज सुनकर कुछ लोगों ने देखा कि एक सियार दौड़ता हुआ आया और एक घर के टॉयलेट में घुस गया। इस मकान में किराए पर एक परिवार रहता है।
कुछ लोगों ने कुत्ता समझकर उसे नुकीली लाठियों से मार-डरा कर भगाने की कोशिश भी की, जिससे सियार चोटिल हो गया। जैसे ही लोगों को पता चला कि वह कुत्ता नहीं, कोई जंगली जानवर है, तो वह वहां से दूर हो गए। किराए पर रहने वाले परिवार दो बच्चों को पड़ोसी के यहां छोडकऱ अपने काम पर चला गया। इससे लोग घबरा गए और दमकलकर्मियों को सूचना दी। वहीं वन विभाग को भी फोन करने का प्रयास किया।
फायर ऑफीसर गौतम कुमार के नेतृत्व में सीनियर फायरमैन विजय सिंह, फायर मैन मुकेश स्वामी व सज्जन कुमार ने यहां सियार को पकडऩे के लिए मशक्कत की। सियार रस्सी को काटता रहा। सियार चारदीवारी पर चढ़ गया। बाहर लोगों की भीड़ होने के कारण घबराकर वह वापस उसी टॉयलेट में घुस गया। करीब घंटे भर बाद सफलता मिली और वे सियार को रस्सियों से बांधकर टॉयलेट से बाहर गली तक ले आए।
लेकिन यहां फिर से सियार ने रस्सियों से खुद को आजाद करवा लिया। वह भागने वाला ही था कि गली में किरयाने की दुकान करने वाली ज्योति शर्मा ने लपक कर सियार को दबोच लिया। वहीं अमनप्रीत शर्मा ने भी साथ दिया। ज्योति शर्मा, अमनप्रीत व दमकलकर्मियों ने सियार को अच्छी बांध लिया। ज्योति शर्मा ने सियार को गोद में उठाया और दमकल की गाड़ी की तरफ ले गई।
महिला की हिम्मत देखकर दमकलकर्मी व लोग दंग रह गए। महिला ने सियार को दमकल की गाड़ी में डाल दिया। दमकलकर्मी उसको वहां से ले गए और जंगल में छोड़ दिया। जब ज्योति शर्मा ने पूछा गया कि उनको डर नहीं लगा, तो उन्होंने जवाब दिया कि गांव की बेटी हूं डर कैसा। मैंने पहले भी गांव में गोह व सियारों को दबोचा है। लोग वैसे ही डरते हैं और जानवरों को सताते हैं। यदि मैं समय पर आती तो सियार को हाथ नहीं लगाने देती।