1952 के लोकसभा चुनाव के प्रथम चुनाव के समय गंगानगर दो सदस्यीय लोकसभा क्षेत्र था, इसका नाम गंगानगर-झुंझुनूं लोकसभा क्षेत्र था। इस लोकसभा क्षेत्र की एक सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी। इस संसदीय क्षेत्र में गंगानगर और झुंझुंनूं जिले के अलावा चूरू जिले की चूरू, राजगढ़ और तारानगर तहसीलें थी। वहीं वर्ष 1957 में दूसरी लोकसभा के गठन के लिए हुए चुनाव में गंगानगर, बीकानेर और सुजानगढ़ तहसील के बड़े हिस्से छोडकऱ शेष चूरू जिला शामिल था।
वर्ष 1962 के चुनाव में गंगानगर लोकसभा चुनाव अस्तित्व में आया।इसमें श्रीगंगागनर का संपूर्ण जिले के अलावा चूरू जिले के कुछ गांव शामिल थे।
केन्द्र में 1989 से लेकर 1991 के बीच उठापटक की सरकारों का दौर चला तब इलाके के मतदाताओं का भी मूड बदला। ऐसे में मतदाताओं ने वोटिंग करने के लिए उत्साह नहीं दिखाया। इस कारण वर्ष 1991 के लोकसभा चुनाव में सिर्फ 42.25 प्रतिशत मतदान हुआ।
केन्द्र में 1989 से लेकर 1991 के बीच उठापटक की सरकारों का दौर चला तब इलाके के मतदाताओं का भी मूड बदला। ऐसे में मतदाताओं ने वोटिंग करने के लिए उत्साह नहीं दिखाया। इस कारण वर्ष 1991 के लोकसभा चुनाव में सिर्फ 42.25 प्रतिशत मतदान हुआ।
वहीं जब केन्द्र में यूपीए के लगातार दस साल राज के बाद हुए वर्ष 2014 के चुनाव में इलाके के मतदाताओं ने इस संसदीय क्षेत्र में रिकॉर्ड मतदान किया। इस चुनाव में पहली बार मतदान का प्रतिशत 72 पार हो गया। इस लोकसभा क्षेत्र के कुल 17 लाख 53 हजार 825 मतदाताओं में से 12 लाख 56 हजार 806 मतदाताओं ने वोट पोल किया, कुल मतदान 72.85 प्रतिशत रहा।
इस बार 19 लाख 28 हजार 990 मतदाता छह मई को मतदान करेंगे।