
सदर पुलिस की गिरफ्त में आरोपी पीजी संचालक Photo- Patrika
श्रीगंगानगर. इलाके में गैंगस्टरों की आए दिन व्यापारियों, कॉलोनाइजरों, चिकित्सकों और अन्य वीआईपी को रंगदारी वसूली के लिए न केवल धमकी मिल रही है बल्कि ऐसे लोगों को भयभीत करने के लिए फायरिंग की वारदातें तक हो चुकी है। इन गैंग के गुर्गे आसानी से शहर के अलग अलग होटलों, पीजी और हॉस्टल में ठहरते हैं। पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए चकरघिन्नी बनी रहती है, जब अपराधी काबू में आते हैं तब यह खुलासा होता है कि वे यहां किन-किन होटल या हॉस्टल में ठहरे हुए थे।
जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने कई बार होटल, हॉस्टल और पीजी संचालकों को आगाह भी किया और कई बार नसीहत का पाठ भी पढ़ाया लेकिन चंद रुपए की खातिर अपराधियों को शरण देने का सिलसिला अब तक थमा नहीं है।
अब बीज व्यापारी रवि गुप्ता पर फायरिंग करने के लिए आए चार अपराधियों के चक 7 ई छोटी के हॉस्टल में ठहरने की सूचना पुलिस दल को मिली तब घेराबंदी कर अपराधियों को काबू कर लिया। इन लोगों को ठहराने पर अब पहली बार हॉस्टल संचालक को भी सहयोगी के तौर पर मामला दर्ज किया गया है।
केस-एक
पिछले साल नवम्बर 24 में गैंगस्टर आरजू बिश्नोई की गैँग के गुर्गे पुरानी आबादी में एक हॉस्टल में रुके थे और इन गुर्गों ने पूर्व विधायक राजकुमार गौड़ के भानजे सुनील पहलवान के घर और उसके ऑफिस की रैकी की थी। पहलवान पर हमले के लिए उन्होंने साजिश रची थी। दिल्ली की स्पेशल टीम ने जब सात गुर्गों को काबू किया तब यह खुलासा हुआ था। इसके बाद अपने हॉस्टल में पनाह देने वाले संचालक पर मामला दर्ज हुआ परन्तु एक्शन नहीं हुआ।
केस-दो
इस साल 27 मई की रात को अग्रसेन नगर चौक के पास प्रोपर्टी डीलर सतीश उर्फ राजू कथूरिया के घर पर फायरिंग की वारदात गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई गैँग ने कराई थी। इस प्रोपर्टी डीलर से दो करोड़ रुपए की रंगदारी नहीं देने पर यह वारदात कराई। फायरिंग के लिए गैँग ने स्पेशल तौर पर आगरा के शूटर गोलू पंडित उर्फ प्रदीप पंडित को श्रीगंगानगर बुलाया था। यह शूटर शहर के होटलों में छदम नाम से ठहरा था लेकिन पुलिस को भनक तक नहीं लगी। इस मामले में भी संबंधित होटल संचालकों पर एक्शन नहीं लिया गया।
सदर पुलिस और डीएसटी टीम ने नाईयांवाला चक 7 ई छोटी में स्थित आनन्द बॉयज पीजी पर छापा मारकर चार लडकों को अवैध हथियारों सहित गिरफतार किया। वहीं दो अन्य संदिग्ध युवकों को काबू किया। सदर सीआई सुभाषचन्द्र ने बताया कि इस मामले के अनुसंधान व संकलित तथ्यो से पाया गया कि आनन्द बॉयज पी.जी संचालक आनन्द कुमार वर्मा की अहम भूमिका सामने आई है।
यह संचालक वार्ड 11 चक 7 ई छोटी हाल गली नं. 03 नजदीक हनुमान चौक का रहने वाला है। इस संचालक ने इन सभी लड़कों को बिना पुलिस वैरिफिकेशन, बिना आईडी फोटो के अपने हॉस्टल में ठहराया था। आनन्द पीजी संचालक को पहले भी बीट कांस्टेबल ने जिला प्रशासन के आदेश के बारे में अवगत कराया लेकिन उसने परवाह नहीं की। बीट कांस्टेबल की ओर पीजी संचालक आनंद कुमार वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया है।
Published on:
21 Jul 2025 02:52 pm
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