
BDO-Sarpanch Dispute: अनूपगढ़ । पंचायत समिति में पिछले लगभग एक माह से बीडीओ विनोद रैगर और ग्राम पंचायतों के प्रशासकों (सरपंचों) के बीच चले आ रहे विवाद में नया मोड़ आ गया। राज्य सरकार की तरफ से प्रशासकों के आंदोलन के बाद 25 नवंबर को बीडीओ को एपीओ किया था।
विकास अधिकारी ने सरकार के निर्णय के खिलाफ उच्च न्यायालय की शरण ली। उच्च न्यायालय ने विकास अधिकारी को राहत देते हुए सरकार के सरकार के आदेशों पर स्थगन आदेश जारी किए हैं। शुक्रवार को पंचायत समिति विकास अधिकारी विनोद कुमार ने एक बार फिर पद भार ग्रहण कर लिया।
गौरतलब है कि ग्राम पंचायत प्रशासकों ने बीडीओ पर दुर्व्यवहार और गंभीर आरोप लगाते हुए उनके निलंबन की मांग की थी। प्रशासकों का धरना लगभग 20 दिनों तक चला, जबकि 2 प्रशासक 14 दिनों तक अनशन पर भी बैठे रहे। मांगें नहीं मानी तो प्रशासक ओवर हेड टैंक पर चढ़ गए, जिस पर 25 नवंबर की रात्रि को पंचायत समिति विकास अधिकारी को एपीओ कर दिया।
26 नवंबर को ज्यूस पिलाकर प्रशासकों का अनशन तथा धरना समाप्त कर करवाया था। शासन के इस निर्णय के विरोध में बीडीओ ने उच्च न्यायालय का रुख किया। उन्होंने याचिका में कहा कि विभागीय जांच में उन्हें क्लीन चिट दी गई है। इसके बाद कोर्ट ने एपीओ करने के आदेश पर रोक लगाते हुए बीडीओ को तुरंत उनके मूल पद स्थल में कार्यभार ग्रहण करवाने के निर्देश दिए।
कोर्ट के आदेशों की पालना करते हुए शुक्रवार को बीडीओ विनोद रैगर ने अनूपगढ़ पंचायत समिति में पुनः कार्यभार ग्रहण कर लिया। उनके कार्यालय पहुंचते ही परिसर में हलचल का माहौल बन गया। कर्मचारी, जनप्रतिनिधि और ग्रामीण उनसे मिलने पहुंचे।
Published on:
29 Nov 2025 04:31 pm
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