इस कारण आवागमन में भारी दुविधा बनी रहती है। दिनभर यातायात जाम की स्थिति इस मार्ग पर बनी रहती है। समर्थन मूल्य पर सरसों व चना खरीद एजेन्सी सादुलशहर क्रय-विक्रय सहकारी समिति के लेखाकार नत्था सिंह ने बताया कि अब तक सरसों के करीब एक लाख पांच हजार थैले व चने के 37 हजार 150 थैलों की खरीद की जा चुकी है। सरसों का उठाव 98 हजार 794 थैले हो चुका है तथा चने का 34 हजार थैलों का उठाव हो चुका है। सरसों का 30 अप्रेल तक का भुगतान कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि सरसों की आवक प्रतिदिन करीब चार हजार थैले व चने की आवक प्रतिदिन करीब एक हजार थैले बनी हुई है तथा पंजीयन प्रक्रिया भी जारी है। उन्होंने बताया कि सरसों के लिए पंजीयन करवाने वाले किसानों के मैसेज आने के 30 दिन बीत जाने के बाद आते हैं तो सरसों की तुलाई नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि गत दो दिनों से भण्डारण की जगह के अभाव में सरसों का उठाव धीमा बना हुआ है।
गेहूं उठाव कार्य में मनमानी एवं अनियमितता के आरोप
अनूपगढ़. क्रय-विक्रय सहकारी समिति की ओर से गेहूं उठाव कार्य में मनमानी व अनियमितता करने का आरोप एफ.पी.एस. डीलर्स एसोशियसन ने लगाया है। इस मामले में यूनियन की ओर से जिला कलक्टर के नाम एक ज्ञापन उपखण्ड अधिकारी मनमोहन मीणा को दिया गया है। ज्ञापन में एसोसिएशन के सचिव नरेश धूडिय़ा ने अवगत करवाया है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में प्रति माह कोई व्यवधान न हो और वितरण व्यवस्था सुचारू रूप से चले, इसके लिए विभाग ने एडवांस में अगले माह के गेहूं का कोटा आवंटन कर माह की अंतिम 30 तक उठाव कर उचित मूल्य दुकानदारों के पास पहुंचाने की व्यवस्था की है।
लेकिन क्रय-विक्रय सहकारी समिति उपभोक्ता पखवाड़ा शुरू होने के बाद भी गेहूं नहीं पहुंचाती है। ज्ञापन में लिखा गया कि माह अप्रेल में 54 जी.बी. के उचित मूल्य दुकानदार तलविंद्र ङ्क्षसह- कावल ङ्क्षसह के क्रय-विक्रय सहकारी समिति से गेहूं का बिल कटवाकर भुगतान करने के बाद भी उसकी दुकान पर गेहूं नहीं भेजा गया। इस दौरान उचित मूल्य दुकानदार दलीप चुघ, परमजीत ङ्क्षसह, दिवान चंद खुराना व कालूराम सहित अन्य दुकानदार मौजूद थे।