
बीरमाना. अब हरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाना वन माफियों की जेब पर खासा भारी पड़ेगा। क्योंकि पेड़ों की अवैध कटाई को रोकने के लिए राज्यपाल के एक आदेश पर वन मंत्रालय की ओर से अब जुर्माने की राशि में कई गुना बढ़ोतरी की गई है। पहले जहां पहली बार लकडिय़ों का अवैध परिवहन करने पर बाजार भाव की अनुमानित राशि का डेढ़ गुना जुर्माना लगता था तथा दूसरी बार पकड़े जाने पर दोगुना तथा तीसरी बार अवैध परिवहन पर वाहन को जब्त करके सीज करने का प्रावधान था।
अब नये आदेश के तहत पशु वाहन से लकडियों का परिवहन करने पर 15 हजार का जुर्माना लगेगा तो, ट्रैक्टर-ट्रॉली व रेहड़े से वहीं अवैध लकडिय़ों का परिवहन करने पर एक लाख का जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं पिकअप व अन्य वाहन जिसकी कीमत 25 लाख से कम है, वह लकडिय़ों का अवैध परिवहन करते पाया गया तो 2 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा।जबकि ऐसा वाहन जिसकी कीमत 25 लाख से ज्यादा है और 5 वर्ष तक पुराना है, अगर उसमें लकड़ी का अवैध परिवहन करते पाया गया तो 3 लाख का भारी जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं वाहन जिसकी कीमत 25 लाख से ज्यादा हो और 5 वर्ष से अधिक तक पुराना है तो उस पर 4 लाख तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान रखा गया है।
गौरतलब है कि बिरधवाल व सूरतगढ़ वन विभाग के अधीन बहुत बड़ा वन क्षेत्र है । इसलिए यहां हरे पेड़ों की अवैध कटाई बड़ी समस्या है। यहां वन माफिया धड़ल्ले से हरे पेड़ों आरी चलाकर वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचाते हैं। साथ ही इन पेड़ों का अवैध परिवहन कर आरों तक पहुंचा लाखों रुपए का मुनाफा कमाते हैं। सबसे ज्यादा लकडिय़ों का अवैध परिवहन रात के अंधेरे में किया जाता है। लेकिन अब तो दिनदहाड़े भी मुख्य मार्गों किनारे हरे पेड़ों की कटाई की मामले सामने आ रहे हैं। अगर कभी कभार इन अवैध लकडिय़ों का परिवहन करने वाले माफिया को पकड़ा भी जाता था तो, नाममात्र की कारवाई करके इनको छोड़ दिया जाता था। जिससे पर्यावरण प्रेमियों और ग्रामीणों में बेहद रोष व्याप्त है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
बिरधवाल व सूरतगढ़ वन विभाग क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली नहरों व नहरों से निकलने वाले माइनरों किनारे खड़े हरे पेड़ वन माफियाओं के विशेष निशाने पर रहते हैं। इनमें अनूपगढ़ शाखा नहर किनारे, संगीता माइनर किनारे गत वर्षों के दौरान बेतहाशा हरे पेड़ों की कटाई हुई है। जिसके कारण नहरों के यह किनारे अब वीरान नजर आने लगे हैं। इसका असर इन किनारों पर रहने वाले वन्यजीवों पर भी पड़ा है और उनके प्राकृतिक आवास नष्ट हो गए।
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वन विभाग के नये आदेश के अनुसार अवैध परिवहन के दौरान पकड़ी गई लकडिय़ों को अब जुर्माना लगाने के बाद छोड़ा नहीं जाएगा। पूर्व में वन विभाग के पुराने नियमों के तहत अवैध परिवहन करते पकड़ी गई लकडिय़ों को जुर्माना लगाने के बाद छोड़ दिया जाता था। जिसका फायदा प्रत्यक्ष रूप से वन माफिया को मिलता है और हरे पेड़ों की अवैध कटाई थमने का नाम नहीं ले रही है।हरे पेड़ों की कटाई पर अंकुश लगाने पर राजस्थान सरकार की ओर से सख्ती दिखाते हुए जुर्माने की राशि बढ़ाने के आदेश से पर्यावरण प्रेमियों में खुशी की लहर है। पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि जुर्माने में वृद्धि का आदेश प्रकृति को बचाने का काम करेगा। अगर यह धरातल पर अच्छी तरह से लागू हो गया तो निश्चित रूप से हरे पेड़ों की कटाई ओर इनके अवैध परिवहन पर अंकुश लगेगा। इसे वन और पर्यावरण का बचाव होगा। साथ ही वन्य क्षेत्र में हरियाली बढ़ेगी, जिससे वन्य प्राणियों को भी फायदा पहुंचेगा।
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श्रीगंगानगर डीएफओ राकेश दुलार ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से वन क्षेत्रों की सुरक्षा को लेकर जारी नये आदेशों से न केवल वनों और पर्यावरण संरक्षित होगा अपितु वन माफिया पर भी प्रभावी अंकुश लगेगा। साथ ही लकड़ी के अवैध परिवहन का सिलसिला थमेगा। इसका सबसे ज्यादा असर श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिलों में असर देखने को मिलेगा। इससे वन्य क्षेत्र में हरियाली बढ़ेगी।
Published on:
01 Mar 2025 06:30 pm
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