जमकर पार्टी के खिलाफत नारे लगाए गए। कार्यकर्ताओं का गुस्सा यही नहीं थमा। उन्होंने टाक के होमलैड सिटी कॉलेानी स्थित घर और उनके गौशाला मार्ग पर स्थित निजी कार्यालय पर लगे पार्टी का झंडा उतरवा दिया। इन लोगों का कहना था कि जिस शख्स ने पिछले पन्द्रह सालों से पार्टी के हित में काम किया, उसे टिकट की अनदेखी करना कार्यकर्ताओं का अपमान है।
वहीं कुम्हार समाज के काफी लोग भी टाक को टिकट काटने पर अपनी नाराजगी प्रकट करते दिखाई दिए। बार संघ के पूर्व अध्यक्ष मोहनलाल माहर का कहना था कि पार्टी का व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार करने के लिए टाक ने कोई कमी नहीं रखी। लेकिन जब टिकट की बारी आई तो सिर्फ अरोड़ा बिरदारी को खुश करने के लिए टिकट काट दी। इलाके में सिर्फ अरोड़ा बिरदारी ही नहीं अन्य छत्तीस कौम भी मतदाता है।
लेकिन जात और पांत के समीकरण में टिकट काट कर भाजपा हाईकमान को यह फैसला बदलना होगा। टाक के अलावा टिकट की दौड़ में नगर विकास न्यास के अध्यक्ष संजय महिपाल, नगर परिषद के पूर्व सभापति महेश पेड़ीवाल, नगर परिषद के उपसभापति अजय दावड़ा लक्की, होलसेल भंडार के पूर्व अध्यक्ष शिव स्वामी, पूर्व पार्षद जुगल डूमरा, चंचल चराया आदि शामिल थे।
इस बीच भाजपा जिलाध्यक्ष हरीसिंह कामरा का कहना है कि श्रीगंगानगर में अरोड़ा बिरादरी और अनूपगढ़ एरिया में बावरी समाज के अधिक वोटर होने के कारण जातिगत समीकरण के हिसाब से पार्टी हाईकमान ने यह निर्णय लिया है। श्रीगंगानगर में अरोड़ा बिरदारी को ध्यान में रखते हुए नए चेहरे के रूप में विनीता आहुजा और अनूपगढ़ सीट से संतोष बावरी पर चुनाव मैदान में उतार दिया है।
इस बीच भाजपा जिलाध्यक्ष हरीसिंह कामरा का कहना है कि श्रीगंगानगर में अरोड़ा बिरादरी और अनूपगढ़ एरिया में बावरी समाज के अधिक वोटर होने के कारण जातिगत समीकरण के हिसाब से पार्टी हाईकमान ने यह निर्णय लिया है। श्रीगंगानगर में अरोड़ा बिरदारी को ध्यान में रखते हुए नए चेहरे के रूप में विनीता आहुजा और अनूपगढ़ सीट से संतोष बावरी पर चुनाव मैदान में उतार दिया है।
इन दोनों क्षेत्रो ंमें नए चेहरे को टिकट देने से पार्टी को जीत चाहिए। ऐसा करने से विरोध प्रदर्शन और बगावत पर उतने के संबंध में पार्टी जिलाध्यक्ष का कहना था कि आगामी कुछ दिनों में डैमेज कंट्रोल कर लिया जाएगा।