
बस्तरिया राज मोर्चा का प्रदर्शन (Photo source- Patrika)
CG News: शिक्षा और रोजगार के मुद्दे को लेकर बस्तरिया राज मोर्चा ने सोमवार को जिला मुख्यालय स्थित बस स्टैंड परिसर में एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन किया। युक्तियुक्तकरण के नाम पर स्कूलों को बंद करने और आश्रम-छात्रावासों में सीटों की कमी के खिलाफ हुए इस प्रदर्शन में पार्टी कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों ने सरकार की नीतियों को जनविरोधी करार दिया।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य और बस्तरिया राज मोर्चा के जिला प्रभारी रामा सोड़ी ने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश में 10,463 स्कूलों को समायोजन के नाम पर बंद किया है। बस्तर संभाग के 1,629 और सुकमा जिले के 133 स्कूल इसकी चपेट में हैं। इससे 52,000 से अधिक रोजगार खत्म होंगे, जिनमें सुकमा जिले में अकेले 665 पद शामिल हैं।
यह नीति न केवल रोजगार विरोधी है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को शिक्षा से भी वंचित कर रही है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि इस बार छात्रावासों में अतिरिक्त सीटों पर दाखिला नहीं दिया जा रहा है, जिससे कई छात्र पढ़ाई से वंचित हो सकते हैं। अगर मांगें नहीं मानी गईं, तो आने वाले दिनों में जिला स्तर पर उग्र आंदोलन किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन एसडीएम को सौंपा, जिसमें तीन प्रमुख मांगें रखी गईं।
सुकमा वन मंडल में हुए तेंदूपत्ता बोनस घोटाले में चल रही एसीबी-ईओडब्ल्यू की कार्रवाई पर पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने गंभीर आरोप लगाए हैं। मनीष कुंजाम ने कहा कि तेंदूपत्ता बोनस घोटाले में एसीबी-ईओडब्ल्यू ने 11 वन कर्मी और प्रबंधकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया है। इससे पहले डीएफओ को जेल भेजा जा चुका है। पूरे घोटाले में 11 लोग ही गुनहगार नहीं है, इसके पीछे वन विभाग के आला अफसर भी जिम्मेदार हैं।
CG News: एसीबी-ईओडब्ल्यू की कार्रवाई मुख्य आरोपी और षड्यंत्रकर्ताओं को बचाने के लिए की जा रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि वन विभाग में वन मंत्री के संरक्षण के बिना ऐसा किया जाना संभव नहीं है। तेंदूपत्ता बोनस घोटाले की शिकायत मेरे द्वारा की गई। उसके बावजूद एसीबी-ईओडब्ल्यू की टीम ने मेरे घर पर ही रेड मारा। देश में पहली बार ऐसा हुआ कि शिकायत करने वाले के घर पर ही छापा मारा गया। इस पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री और राज्यपाल को पत्र भेजा जाएगा। कार्रवाई नहीं होने दिशा में देश के प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखेंगे।
युक्तियुक्तकरण के नाम पर शालाओं को बंद करने की नीति को तत्काल रोका जाए और रिक्त पदों पर नई भर्ती की जाए।
छात्रावासों में सीटों की संख्या बढ़ाकर पिछले वर्ष के सभी नामांकित छात्रों को प्रवेश दिया जाए।
छात्रावासों व आश्रमों में आवश्यक बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं।
Updated on:
01 Jul 2025 01:47 pm
Published on:
01 Jul 2025 01:46 pm
बड़ी खबरें
View Allसुकमा
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
