
Naxali Surrender: सुकमा जिले में नक्सली संगठन में सक्रिय एक महिला सहित तीन नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण करने वाली महिला नक्सली पर दो लाख रुपये का इनाम घोषित था। छत्तीसगढ़ शासन की नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति और सुकमा पुलिस द्वारा चलाए जा रहे 'नियद नेल्ला नार' योजना से प्रभावित होकर तीन नक्सलियों ने समाज की मुख्यधारा में जुड़ने के उद्देश्य से आत्मसमर्पण किया।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में दो लाख रुपये का इनाम घोषित कोंटा एरिया कमेटी की उपाध्यक्षा कुमारी सोड़ी मुके उर्फ अनिता, अरलमपल्ली पंचायत की डीएकेएमएस सदस्य माड़वी कोसा और पूवर्ती आरपीसी मिलिशिया सदस्य मड़कम देवा शामिल हैं।
इस आत्मसमर्पण में सुकमा पुलिस अधीक्षक कार्यालय के नक्सल सेल प्रभारी निरीक्षक रोशन सिंह राजपूत और डीआईजी ऑफिस सुकमा के उप निरीक्षक सरजीत आलम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
इन नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करने में सुकमा की आरएफटी टीम, थाना पोलमपल्ली पुलिस बल और डीआरजी के कार्मिकों का विशेष योगदान था। अब इन आत्मसमर्पित नक्सलियों को 'छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति' के तहत सहायता राशि और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
वहीं दंतेवाड़ा में नक्सलवाद की ओर भटके युवा अब समाज के मुख्यधारा में जुडऩे का संकल्प करके एक ईनामी माओवादी बयानार एरिया कमेटी जनमिलिशिया कमांडर धनरू उर्फ टुगे मांडवी ने पुलिस के सामने समर्पण कर दिया है। वह बोदली पटेलपारा थाना मालेवाही का रहने वाला है। उस पर एक लाख रुपए का शासन की ओर से ईनाम घोषित था।
समर्पित माओवादी को पुनर्वास नीति के तहत् 25 हजार रूपये की सहायता राशि दी गई है। अब तक लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 206 ईनामी सहित कुल 884 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर समाज के मुख्यधारा से जुड़ चुके है।
Naxali Surrender: ये सभी नक्सली विभिन्न नक्सली गतिविधियों में शामिल थे, जैसे पुलिस गस्त पार्टी की रेकी करना, पुलिस पार्टी के मार्गों पर स्पाइक और बम लगाना, मुख्य मार्गों को खोदकर अवरूद्ध करना, नक्सली पर्चे और बैनर लगाना, और शासन-प्रशासन के खिलाफ अन्य घटनाओं में संलिप्त रहना। इसके अलावा, माड़वी कोसा के खिलाफ थाना पोलमपल्ली में पहले से ही एक अपराध पंजीबद्ध है।
Updated on:
30 Nov 2024 02:29 pm
Published on:
30 Nov 2024 02:28 pm
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