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मेनका गांधी के प्रयास लाये रंग, सीएम योगी के इस फैसले से इन डेढ़ लाखों को मिलेगी राहत

- सरकार के इस फैसले से 1 लाख 54 हजार लोगों को मिलेगी राहत - वर्ष 2010 में हुआ था सुलतानपुर और अमेठी जिले का बंटवारा- मेनका गांधी ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को बताई लोगों की समस्या

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BJP MP Maneka Gandhi

मेनका गांधी के प्रयास लाये रंग, सीएम योगी के इस फैसले डेढ़ लाखों को मिलेगी राहत

सुलतानपुर. वर्ष 2010 में जिले (Sultanpur) के बंटवारे के बाद और मायावती सरकार द्वारा क्षत्रपति शाहू महाराज नगर अस्तित्व में लाने के बाद से ही दोनों जिलों के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लाखों लोग बंटवारे का दंश झेल रहे थे। सरकारें आयीं और चली गईं, लेकिन किसी भी सरकार के नुमाइंदे में इन लोगों की समस्याओं की तरफ ध्यान ही नहीं दिया। इस बीच कई सामाजिक और स्वंयसेवी संगठन अमेठी जिले को खत्म करने के लिए जन आंदोलन चलाते रहे, लेकिन परिणाम अनुकूल नहीं आया। अब मेनका गांधी (Maneka Gandhi) के प्रयासों से सुलतानपुर और अमेठी के 1 लाख 54 हजार लोगों को इस तरह के चक्कर लगाने से राहत मिलेगी।

जिले की सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने बंटवारे का दंश झेल रहे लोगों की गम्भीर समस्या को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने उठाया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने तत्काल गृह सचिव एवं मुख्य सचिव को इस गम्भीर समस्या का निराकरण करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद शासन के दोनों अधिकारियों ने दोनों जिलों के अधिकारियों को आदेश दिया कि दोनों जिलों के सीमावर्ती गांव उसी जिले का हिस्सा रहेंगे, जिस जिले में उन गांवों की तहसील थी। शासन का आदेश मिलते ही दोनों जिलों के शीर्ष अधिकारियों ने दोनों जिलों के उन गांवों के लोगों को खुशी भरी खबर सुनाया और कहा कि जिन गांवों की तहसील जिस जिले में होग , वह गांव उस तहसील के अंतर्गत आने वाले थाना क्षेत्र में होंगे।

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बंदवारे का दंश झेल रहे थे अमेठी-सुलतानपुर के लोग
वर्ष 2010 में जिले का बंटवारा होकर क्षत्रपति शाहूजी महाराज (अमेठी) जिला बनने के बाद से दोनों जिलों के लाखों लोगों को बंटवारे का दंश झेलना पड़ता था। जिले के सीमावर्ती इलाकों के गांवों के लोगों को राजस्व कार्यों के लिए सदर तहसील, बल्दीराय तहसील तथा लम्भुआ तहसील जाना पड़ता था, जबकि सुरक्षा या पुलिस से संबंधित अन्य कार्यों के लिये अमेठी जिले के पीपरपुर थाना, मुसाफिरखाना तथा बाजारशुकुल थाना और पुलिस अधिकारियों से मिलने के लिए अमेठी जिले के मुख्यालय गौरीगंज जाना पड़ता था। इसी तरह अमेठी जिले के लाखों लोगों को पुलिस कार्यों के लिए धम्मौर थाना, कोतवाली देहात, बल्दीराय तथा हलियापुर थाना जाना पड़ता था, वहीं राजस्व से संबंधित कार्यों के लिए अमेठी तहसील, मुसाफिर खाना तहसील तथा जिलाधिकारी से मिलने के लिए गौरीगंज जाना पड़ता था ।

अलीगंज को थाना बनाए जाने की मांग
अमेठी जिले की मुसाफिरखाना थाना क्षेत्र की लखनऊ- वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग 56 पर पड़ने वाली पुलिस चौकी अलीगंज को सुलतानपुर जिले का थाना बनाये जाने की मांग उन गांवों के लोगों ने किया है, जो गांव अब तक तहसील तो सुलतानपुर सदर थी लेकिन, थाना मुसाफिरखाना चौकी अलीगंज पड़ती थी । उल्लेखनीय है कि अमेठी जिले के इस थाना क्षेत्र की पुलिस चौकी अलीगंज क्षेत्र में पड़ने वाले घुसियरिया, ऊंचागांव, मठारामपुर, बबुरी, खण्डसा, मनियारी, टिकरिया, दाउदपुर और सिंदूरी आदि गांव सुलतानपुर जिले की सदर तहसील में पड़ते थे।

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