
Dhopap Dham File Photo
जिस धोपाप धाम पर आदिगंगा गोमती अर्धचन्द्राकार होकर अविरल धारा में बहती हुई गंगासागर तक सफर तय करती हैं, जिस स्थान पर आदिगंगा गोमती में डुबकी लगाकर भगवान राम ने ब्रह्हत्या के पाप से मुक्ति पाई थी। अब उस जगह को 60 लाख रुपए खर्च कर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। तालाब के चारों तरफ 660 मीटर लंबी इंटरलाकिग सड़क बनाने का काम जल्द शुरू होगा। करीब 90 मीटर दूरी में सड़क की चैड़ाई आठ और 570 मीटर दूरी में यह छह फीट चैड़ी होगी। 10 लाख रुपये की लागत से आकर्षक मनरेगा पार्क बनाया जाएगा। पर्यटकों के आकर्षण के लिए पार्क में भगवान श्रीराम की भव्य एवं दिव्य प्रतिमा स्थापित होगी। जिसमें एक फौव्वारा लगेगा और पर्यटकों की सुविधा के लिए एक कैंटीन भी बनाई जाएगी।क
कमाल सरोवर के बीच भगवान राम की प्रतिमा
कमल सरोवर के किनारे किड्स जोन बनाकर बच्चों के खेलने की व्यवस्था की जाएगी। जिससे कि पर्यटन के लिए पहुंच रहे पर्यटकों के परिवार व बच्चों की भी जरूरतें पूरी हो सकें। आखिर में एक फेमिली हट बनाने की योजना भी है। उपायुक्त मनरेगा अनवर शेख ने बताया कि निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। व्यवस्था संचालन के लिए एक समूह का चयन किया जाएगा। जो सरोवर की देखभाल भी करेगा। उस कमल उपवन और कमल सरोवर के बीच भगवान राम की आदमकद प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
भगवान राम ने पाई थी ब्रह् हत्या के पाप से मुक्ति
गंगा दशहरा के अवसर पर जनपद के त्रेतायुगीन प्रसिद्ध पौराणिक तीर्थ स्थल धोपाप धाम में दर्शनार्थियों और स्नानार्थियों का मेला जुटता है। पास-पड़ोस के जिलों से ही नहीं देश के कोने कोने से बड़ी संख्या में भक्तगण आकर तीर्थराज धोपाप की ओर निकल पड़ते हैं और यहां आदिगंगा गोमती में डुबकी लगाकर दान-गोदान कर अपना जीवन सफल करते हैं। गंगा दशहरा को धोपाप धाम में स्नान-दान का बड़ा महत्व है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार लंका विजय के बाद भगवान श्रीराम जब अयोध्या जाते हुए सप्त ऋषियों के सुझाव पर ब्रह् हत्या के पाप से मुक्ति पाने के लिए पावन गोमती नदी के इसी तट पर स्नान किया था। इसी स्थान पर गोमती नदी के पावन घाट पर डुबकी लगाने के बाद भगवान राम को ब्रह्म हत्या पाप से मुक्ति मिली थी। तब से ही यह स्थल धोपाप के नाम से जाना जाने लगा है। जेष्ठ माह की दशमी तिथि को यहां बड़ी संख्या में लोग स्नान दान कर पाप मुक्ति और पुण्य अर्जित करने की अभिलाषा में पहुंचते हैं और स्नान-दान तथा गोदान कर अपना जीवन सफल बनाते हैं । यहां पहुंचने के लिए पहले तो लोग पैदल यात्रा करते थे और रास्ते में उनके स्वागत के लिए ग्रामीण बड़ी संख्या में जल जलपान की व्यवस्था भी करते थे। लेकिन अभी समय बदला है तीर्थ स्थल धोपाप तक पहुंचने का चारों तरफ से रास्ता शुगम हो गया है। आवागमन के लिए संसाधन उपलब्ध है।
सुलतानपुर मुख्यालय से लखनऊ-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित लम्भुआ कस्बे से उत्तर दिशा में करीब 8 किमी दूर स्थित है। इसके अलावा कादीपुर बरूवारीपुर घाट हो या दियरा घाट हो गोमती नदी पर पुल बन गया है। लम्भुआ के अलावा चाँदा से तीर्थराज धोपाप तक पहुँचने के लिए पक्की सड़कें बन गई है। ऐसे में अब लोग साधनों से हैं वहां पहुंचते हैं। वहां स्नान के बाद दान कर पुण्य अर्जित करेंगे।
Published on:
25 Jun 2022 03:56 pm
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