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CG Judge humanity: सडक़ पर बेहोश पड़ी महिला को न्यायाधीश ने अपनी कार से पहुंचाया अस्पताल, पति था असहाय

CG Judge huminity: कानूनी जागरुकता शिविर से लौटने के दौरान सडक़ पर बेहोश पड़ी हुई थी महिला, पति उसे होश में लाने की कर रहा था कोशिश लेकिन उसे नहीं सूझ रहा था कोई उपाय

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CG Judge humanity: Judge helping woman

सूरजपुर. CG Judge humanity: शिविर में लोगों को कानून के बारे में जागरुक कर लौट रहे अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश को सडक़ पर एक महिला बेहोश पड़ी दिखी। उसका पति असहाय होकर उसे जगाने का प्रयास कर रहा था। यह देख न्यायाधीश ने महिला के चेहरे पर पानी के छींटे मारे, इसके बाद भी उसे होश नहीं आया तो वे अपनी कार में महिला व उसके पति को बैठाकर अस्पताल पहुंचाया। यहां इलाज के बाद महिला की हालत में सुधार हुई। न्यायाधीश के इस कार्य की हर कोई जहां सराहना कर रहा है।


गौरतलब है कि सूरजपुर (Surajpur) जिले के ग्राम पंचायत केतका एवं राजापुर में कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया था। इसमें अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आनंद प्रकाश वारियाल ने कहा कि न्याय सब के लिए बराबर है, न्याय पाने का सभी को समान अधिकार है। न्याय की लड़ाई में अपने आप को कभी कमजोर न समझें।

आप के पास पैसा नहीं है, तब भी आप कानूनी लडा़ई लड़ सकते हैं। इसके लिए प्रत्येक जिला में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नि:शुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराने का कार्य कर रहा है।

उन्होंने टोनही प्रताडऩा निवारण अधिनियम, साइबर अपराध, पॉक्सो एक्ट, मोटर व्हीकल एक्ट एवं आगामी 13 जुलाई 2024 को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। वहीं शिविर में उपस्थित नागरिकों ने न्यायाधीश वारियाल से कई सवाल पूछे, जिनका समाधानकारक जवाब भी उन्हें मिले।

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CG Judge humanity: जंगल के रास्ते में बेहोश पड़ी थी महिला

जब न्यायाधीश आनंद प्रकाश वारियाल ग्राम पंचायत केतका के जागरूकता कैम्प से ग्राम राजापुर के लिये निकले थे, तभी जंगल के रास्ते में एक महिला बेहोश पड़ी मिली। उसके साथ रहा पति असहाय उसे जगाने का प्रयास कर रहा था।

उन्हें देख न्यायाधीश ने तुरंत अपनी कार रुकवाई और पानी लेकर उतर गए। चेहरे पर पानी डालने के बाद भी जब महिला को होश नहीं आया तो अपनी ही कार से उसे और उसके पति को उसके घर साल्ही खोरखोरी पारा पहुंचाया।

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ले गए अस्पताल, फिर घर तक छुड़वाया

घर पहुंचने के बाद भी जब महिला की तबियत में सुधार नहीं दिखा तो न्यायाधीश महिला के परिवार के और सदस्यों को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र परशुरामपुर लेकर गए। यहां खुद उपस्थित रहकर इलाज कराया।

ड्यूटी पर मौजूद डॉ. वृंदा साहू द्वारा महिला का इलाज किया गया। इसके बाद उसकी हालत में सुधार हुआ। इसके बाद पति-पत्नी एवं परिजन को अपनी गाड़ी से घर तक छुड़वाकर मानवता की मिसाल पेश की।


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