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Encroachment on CSPDCL land: विद्युत विभाग की जमीन पर कब्जा, कैसे होगा 132/33 केव्ही अतिरिक्त फीडर का विस्तार? बढ़ेगा बिजली संकट

Encroachment on CSPDCL land: सीएसपीडीसीएल को आबंटित भूमि पर जारी है अतिक्रमण, नहीं खाली करा पा रहे जमीन, शासन-प्रशासन की अनदेखी से अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद

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Encroachment on CSPDCL land

अंबिकापुर. Encroachment on CSPDCL land: शहर सहित जिलेवासियों को इन दिनों बार-बार बिजली कटौती की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। आए दिन घंटों बिजली गुल रहती है। शहर के बिशुनपुर स्थित एकमात्र 132/33 केव्ही फीडर से जिलेभर में बिजली की आपूर्ति की जाती है। यहां अतिरिक्त 132/33 केव्ही के फीडर ‘बे’ का विस्तार प्रस्तावित है। इसके बन जाने से विद्युत की समस्या काफी हद तक हल हो जाएगी। लेकिन विद्युत विभाग (CSPDCL) को आबंटित उक्त आधी शासकीय भूमि पर अतिक्रमणकारियों द्वारा कब्जा कर लिया है। इससे विस्तार कार्य अधर में लटका है। ऐसे में आने वाले दिनों में शहर सहित जिलेभर के लोगों को बिजली के संकट का सामना करना पड़ सकता है।


छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल (CSPDCL) को शासन द्वारा शहर के बिशुनपुर में 132/33 केवी फीडर के लिए खसरा नंबर 38/26 एवं 38/17, रकबा 1.169 एवं 1.013 हेक्टेयर, कुल 2.66 हेक्टेयर शासकीय भूमि का आबंटन किया गया है। लेकिन विभाग को आबंटित उक्त भूमि के आधे हिस्से पर अतिक्रमणकारियों द्वारा कब्जा कर मकान बनाया जा रहा है।

इंदिरा आवास, आंगनबाड़ी केंद्र व पीएमजीएसवाई की सडक़ भी बनी हुई है। उक्त भूमि पर अतिरिक्त 132/33 केव्ही के फीडर ‘बे’ के निर्माण के लिए स्वीच यार्ड का विस्तार किया जाना है। लेकिन अतिक्रमण (Encroachment on CSPDCL land) की वजह से विस्तार, फेंसिंग व शिफ्टिंग का कार्य अधर में लटक गया है।

इससे भविष्य में शहर एवं जिले की विद्युत व्यवस्था के प्रबंधन में गंभीर समस्या आ सकती है। उक्त फीडरों के निर्माण के बिना विद्युत सुविधाओं के विस्तार में भी फर्क पडऩा स्वाभाविक है।

विभागीय अधिकारियों द्वारा शासन-प्रशासन से कई बार आवेदन किए जाने के बाद भी जमीन को अतिक्रमण मुक्त नहीं किया जा सका है। इससे अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हैं।

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कई बार हो चुका है सीमांकन

विद्युत विभाग के अनुसार बिशुनपुर पावर हाउस की जमीन का कई बार सीमांकन हो चुका है। राजस्व नक्शे के अनुसार 2 बार नाप-जोख हुआ। इसके बाद प्रशासन/न्यायालय द्वारा 7 लोगों को मकान व जमीन खाली करने नोटिस भेजा गया था। इधर कब्जाधारियों ने जवाब प्रस्तुत कर कहा कि उन्होंने जमीन खाली कर दी है, लेकिन मौके पर स्थिति कुछ और ही है।

राजस्व व निगम अमले द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिए जाने से अब अतिक्रमणकारियों द्वारा कच्चे एवं सीट के मकान को तोडक़र पक्के मकान बनाए जा रहे हैं। विभाग का कहना है कि पिछले बार के सीमांकन में राजस्व अमले न जमीन को दो दिशा में नापकर पावर हाउस की जमीन का नक्शा ही परिवर्तित कर दिया।

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इधर कब पड़ेगी प्रशासन की नजर

संभाग कमिश्नर जीआर चुरेंद्र ने कुछ दिन पूर्व समीक्षा बैठक में अफसरों को शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अभियान चलाकर निगम आयुक्त व एसडीएम द्वारा शहर के नमनाकला हाउसिंग बोर्ड से लगे गंगापुर व मेडिकल कॉलेज के पास की शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई थी। इधर विद्युत विभाग द्वारा लगातार आवेदन दिए जाने के बाद भी प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है।

नहीं हो रही है कार्रवाई

132 केव्ही फीडर के लिए आबंटित/आरक्षित भूमि पर अतिक्रमण जारी है। ऐसे में फीडर विस्तार में बाधा होगी, जिससे शहर सहित जिले की विद्युत व्यवस्था प्रभावित होगी। भविष्य में बिजली संकट से निजात पाना कठिन होगा। इस संबंध में लगातार शासन-प्रशासन से निवेदन किया जा रहा है। न्यायालय में अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध केस भी दर्ज हुआ था। लेकिन गलत जानकारी देकर वे बच गए। निगम आयुक्त को भी बताया गया, उन्होंने विजिट भी किया, किन्तु समाधान नहीं हो पाया है। 4 जून को कलेक्टर को भी मामले से अवगत कराया गया है।
रंजना खलखो, ईई सिविल, सीएसपीटीसीएल अंबिकापुर


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