
बिश्रामपुर. Coal transporting: झूमरपारा गांव के रिहायशी इलाके के मार्ग पर महान-3 खदान से करंजी साइडिंग तक होने वाले कोल परिवहन (Coal transporting) कार्य को शनिवार को ग्रामीणों द्वारा करीब 5 घंटे तक ठप कर प्रदर्शन किया गया। नायब तहसीलदार सूरजपुर व करंजी चौकी प्रभारी के आश्वासन उपरांत ग्रामीणों ने प्रदर्शन समाप्त किया। इसके बाद कोल परिवहन प्रारंभ हुआ।
शनिवार की सुबह 8 बजे झूमरपारा के लोगों ने महान-3 खदान (Mahan-3 Coal mines) से करंजी रेलवे साइडिंग तक होने वाले कोल परिवहन को ठप कर दिया। प्रदर्शनकारी ग्रामीणों ने बताया कि गांव के रिहायशी इलाके के मार्ग से कोल परिवहन होने से स्कूली बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। झूमरपारा के बच्चे स्कूल के लिए सूबह 7 बजे एवं 11 बजे स्कूल जाते हैं।
इस दौरान काफी तेज रफ्तार से कोयला लोड वाहन गुजरते हैं, इससे दुर्घटना (Road accident) की संभावना बनी रहती है। साथ ही झूमरपारा से करंजी रेलवे स्टेशन तक 8 से 10 गांव के लोगों का ट्रेन टाइम पर आना-जाना होता है। ट्रक चालकों द्वारा वाहनों को कहीं भी खड़ा कर दिया जाता है, इससे राहगीरों को काफी दिक्कत होती है।
हनुमान मंदिर नवापारा से करंजी रेल्वे स्टेशन साईडिंग तक सिंगल रोड है। रोड पर बने तीनों पुल जर्जर हो चुके हैं जो कभी भी टूट सकते हैं। ऐसी स्थिति में भारी वाहनों से कोल परिवहन होने के कारण यहां पर हमेशा किसी अप्रिय घटना घटित होने की आशंका बनी रहती है।
ग्रामीणों की समस्या सुनने के बाद मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार मो. इसराइल व करंजी चौकी प्रभारी अरुण गुप्ता ने समझाइश दी। इस पर दोपहर 1 बजे ग्रामीणों का प्रदर्शन समाप्त हुआ, तब जाकर कोल परिवहन फिर शुरू हो सका।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि उक्त मार्ग पर कोल परिवहन कार्य में लगे वाहनों की चपेट में आने से कई लोगों की जान भी जा चुकी है। हनुमान मंदिर से करंजी साइडिंग तक पूरा मार्ग काफी जर्जर हो गया है, बरसात में रोड की स्थिति और भी खराब हो गई है।
Published on:
20 Jul 2024 08:21 pm
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