
Elephant dead body buried into 12 pits
प्रतापपुर. Elephant killed by current: सरगुजा संभाग में हाथियों व मानव के बीच द्वंद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाथियों के हमले में आए दिन लोगों की जान जा रही है। वहीं हाथियों के आतंक से परेशान प्रभावित क्षेत्र के लोग करंट तथा अन्य तरीकों से हाथियों को मार देते हैं। मानवों द्वारा हाथी को मारे जाने की एक और घटना सूरजपुर जिले से आया है। रमकोला एलिफेंट रेस्क्यू सेंटर के पास मादा हाथी के अवशेष कई टुकड़ों में मिले हैं। हथिनी के शव को कुल्हाड़ी और फावड़े से काटकर सूंड, पैर और बाकी अंग को 12 गड्डों में दफनाया गया था। इस मामले में पुलिस ने 4 ग्रामीणों को गिरफ्तार किया है।
डीएफओ पंकज कमल ने बताया कि धुरिया के जंगल में एक हथिनी को मारकर उसके शव को कई टुकड़ों में काटकर दफन किए जाने की सूचना मिली थी। रमकोला एलिफेंट रेस्क्यू सेंटर के समीप 12 गड्ढों में दफनाए गए मादा हाथी के अवशेष मिले हैं। जिसकी उम्र 15 से 20 वर्ष बताई जा रही है।
पशु चिकित्सक डॉ. महेंद्र पांडेय, एलिफेंट रेस्क्यू सेंटर के डॉ. अजीत पांडेय और डॉ. शंभू पटेल की टीम ने शव का पोस्टमॉर्टम किया। डॉक्टर्स के मुताबिक हथिनी की मौत करीब 30 से 40 दिन पहले हुई है। उसके पैरों और सूंड में करंट लगने के निशान मिले हैं।
विशालकाय हथिनी के अंगों को कुल्हाड़ी और फावड़े से काटा गया है। पैर, सूंड और जबड़े सहित अन्य अंगों को 12 टुकड़ों में काटकर दफन किया गया था। जबड़े में 10-10 दांत मिले हैं। सभी हड्डियां सुरक्षित मिली हैं।
चार आरोपी गिरफ्तार, अन्य की तलाश जारी
उप वनमंडलाधिकारी प्रतापपुर आशुतोष भगत ने बताया कि इस मामले में फिलहाल धुरिया निवासी नरेंद्र सिंह गोंड़ (37), जनकू राम (52), रामचंद्र अगरिया (58), माधव अगरिया (27) को गिरफ्तार किया है।
दो अन्य ग्रामीणों की संलिप्तता बताई गई है, जो फरार हैं। वन अमला उनकी खोजबीन में जुटा है। आरोपियों ने वन विभाग को बताया कि फसल को बचाने के लिए जीआई तार बिछाकर करंट फैलाया था। करंट की चपेट में आने से हथिनी की मौत हो गई थी।
Published on:
29 Jan 2024 09:09 pm
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