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Video: पानी में राम नाम लिखा पत्थर तैरता देख लोग हैरान, 3-4 किलो है वजन, चमत्कार मानकर शुरु की पूजा-अर्चना

Stone floating in water: जन्माष्टमी व्रत के बाद नदी में नहाने गए एक व्यक्ति को तैरता मिला राम नाम लिखा पत्थर, जन्माष्टमी की सुबह गांव लेकर आया तो देखने उमडऩे लगी भीड़

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stone floating in water

Ram name stone floating in water

जयनगर. Stone floating in water: सूरजपुर जिले के एक व्यक्ति को घुनघुट्टा नदी में नहाने के दौरान तैरता हुआ पत्थर मिला। पत्थर का वजन करीब 3-4 किलो है। उसके एक हिस्से में ‘राम’ लिखा हुआ है। वह पत्थर लेकर गांव में आ गया। इस दौरान जन्माष्टमी की भक्ति में लोग डूबे हुए थे। पत्थर को जब उन्होंने ड्रम से भरे पानी में डालकर देखा तो वह नीचे जाने की बजाय तैरने लगा। पानी में तैर रहा पत्थर ग्रामीणों में कौतुहल का विषय बन गया। देखते ही देखते गांव में लोगों की भीड़ उमडऩे लगी और वे भगवान का चमत्कार मानकर वे उसकी पूजा-अर्चना करने लगे। अब उक्त पत्थर को देखने दूर-दराज गांवों से लोग पहुंच रहे हैं।


सूरजपुर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत राजापुर के लकरापारा में ग्रामीणों द्वारा जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति स्थापित कर विधिवत पूजा-अर्चना की जा रही थी। शुक्रवार की सुबह गांव का ही 40 वर्षीय मनीलाल राजवाड़े जन्माष्टमी उपवास उपरांत घुनघुट्टा नदी में नहाने गया था।

इसी बीच छत्तर घाट के पास पानी में एक पत्थर तैरता हुआ चट्टानघाट की ओर आते देखा। यह देख ग्रामीण ने पत्थर को पकडक़र पानी से बाहर निकाला। मनी लाल का कहना है कि जब उसने पत्थर को देखा तो उसमें एक तरफ राम लिखा हुआ था। वह करीब 3-4 किलो वजनी पत्थर को अपने साथ लेकर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पूजा स्थल पर आया।

ग्रामीण के हाथ में पत्थर को देखकर गांववाले हैरान रह गए। इसके बाद लोगों ने वहीं पर एक बड़े ड्रम में पानी भरकर जब पत्थर को डाला तो वह पानी में डूबने की बजाय ऊपर आ गया। उक्त पत्थर को जीतनी बार पानी में अंदर धक्का दिया गया, वह ऊपर आता रहा।

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चमत्कार मानकर शुरु की पूजा-अर्चना
ग्रामीणों द्वारा उक्त पत्थर को एक चमत्कारिक मानते हुए उसकी पूजा-अर्चना शुरू कर दी गई है। इस बात की जानकारी लगते ही पत्थर को देखने आसपास गांव के लोगों के भी पहुंचने का सिलसिला शुरु हो गया है। लोग इसे भगवान का एक चमत्कार मान रहे हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि पंडित जी को जब उक्त पत्थर को दिखाया गया तो उन्होंने कहा कि यह पत्थर रामसेतु का है, जो नदी में बहते हुए यहां तक पहुंच गया है। बहरहाल मामला चाहे जो भी हो, लेकिन राम लिखा पत्थर के नदी में तैरते मिलने से क्षेत्र में भक्तिभाव का माहौल निर्मित हो गया है और लोग अब पूजा-अर्चना में जुट गए हैं।


इधर नहीं हैं ऐसे पत्थर
ग्रामीणों ने बताया कि राम नाम लिखा जो पत्थर मिला है, वह इस क्षेत्र में नहीं मिलता है। ग्रामीणों का कहना है कि यह किसी अन्यत्र स्थान से बहकर आया हुआ है।

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ज्वालामुखी से निकले होते हैं ऐसे पत्थर
ज्वालामुखी से निकले पत्थर ऐसे होते हैं। इसे प्यूसिम पत्थर के नाम से जाना जाता है। पानी से इसका घनत्व कम होता है, इस कारण ये पानी में तैरता है। इन पत्थरों से छोटे-छोटे छिद्रों के माध्यम से गैस निकल जाते हैं। यह आम पत्थर से अलग होता है। इसके अंदर का हिस्सा स्पंजी या डबल रोटी की भांति होता है। राम सेतु में इन्हीं पत्थरों का प्रयोग हुआ था। इस कारण पत्थर तैरने लगे थे। पानी में पत्थर का तैरना कोई आश्चर्यजनक बात नहीं है। जिस वस्तु का घनत्व पानी से कम होता है, वह पानी में तैरने लगता है। सूरजपुर जिले का घुनघुट्टा नदी एरिया ज्वालामुखी प्रभावित क्षेत्र रहा है।
डॉ. अनिल सिन्हा, सहायक प्राध्यापक, भूगोल


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