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SURAT EDUCATION : गुजरात में 51% आर्किटेक्चर की सीटें खाली..!

locationसूरतPublished: Sep 13, 2019 08:36:22 pm

– 51 प्रतिशत खाली सीटों को भरने का जिम्मा अब संस्थानों पर
– आर्किटेक्चर की सीटें भरना हुआ भारी

SURAT EDUCATION : गुजरात में 51% आर्किटेक्चर की सीटें खाली..!

SURAT EDUCATION : गुजरात में 51% आर्किटेक्चर की सीटें खाली..!

सूरत.

इंजीनियङ्क्षरग की तरह आर्किटेक्चर की सीटें भरना मुश्किल हो रहा है। दक्षिण गुजरात समेत राज्य के आर्किटेक्चर संस्थानों में 51 प्रतिशत सीटें खाली पड़ी हैं। इन्हें भरने का जिम्मा अब आर्किटेक्चर संस्थानों को सौंप दिया गया है। आर्किटेक्चर संस्थानों में प्रवेश का जिम्मा एसीपीसी के पास है। एसीपीसी ने राज्य के 35 आर्किटेक्चर संस्थानों की 1,690 सीटों पर प्रवेश देना शुरू किया था। प्रवेश के लिए दो राउंड के बावजूद सीटें नहीं भर पाईं। फिलहाल 857 सीटें खाली पड़ी हैं। सूरत शहर समेत दक्षिण गुजरात में आर्किटेक्चर के सात संस्थानों में 287 सीटें खाली हैं। स्केट कॉलेज में 4, वीएनएसजीयू में 9, भगवान महावीर में 91, रमण भक्ता में 58, विद्यामंदिर में 45, महावीर स्वामी में 47, पी.पी.सवाणी कॉलेज में 33 सीटें खाली पड़ी हैं।
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आर्किटेक्चर की सीटें तीन साल से हो रही थीं कम
वीएनएसजीयू में संचालित गीजू छगन पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्चर की सीटें तीन साल से कम हो रही थीं। शैक्षणिक सत्र 2013-14 में विश्वविद्यालय ने 120 सीटों के साथ विभाग की शुरुआत की थी। सीओए द्वारा 2014-15 में 40 सीटें कम कर देने से 80 सीटों पर प्रवेश दिया गया। शैक्षणिक सत्र 2015-16 में 40 और सीटें काट ली गईं। उस साल 40 सीटों पर प्रवेश दिया गया था। शैक्षणिक सत्र 2016-17 में सीओए ने 10 और सीटें कम कर दीं। सीटें काटने से पहले विश्वविद्यालय प्रशासन को नोटिस भेजा गया था। विश्वविद्यालय प्रशासन ने नोटिस को अनदेखा कर दिया। नतीजा यह रहा कि सीओए ने 10 की जगह 20 सीटें और काट लीं। शैक्षणिक सत्र 2017-18 में 20 सीटों पर प्रवेश दिया गया।
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विभाग में खामियों के कारण सीटें कट रही थीं सीटें

शैक्षणिक सत्र 2018-19 में भी वीएनएसजीयू ने विभाग में कोई सुधार नहीं किया गया, जिसके कारण 2018-19 में भी विश्वविद्यालय के पास 20 सीटें रहीं। राजस्थान पत्रिका में लगातार इस मामले को प्रकाशित कर विश्वविद्यालय प्रशासन को जगाने का प्रयास किया गया। विभाग में खामियों के कारण सीटें कट रही थीं। काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर की ओर से निरीक्षण से पहले इस मामले को पुन: प्रकाशित किया गया। 3 अक्टूबर, 2018 को हुई सिंडीकेट की बैठक में राजस्थान पत्रिका की खबर को लेकर आर्किटेक्चर विभाग की सीटों पर जमकर हंगामा हुआ था। बाद में सीटें पुन: प्राप्त करने के लिए विभाग की खामियों को दूर करने का फैसला किया गया। सीओए के निरीक्षण से पहले विश्वविद्यालय प्रशासन ने विभाग की खामियों को दूर करने का प्रयास किया।

दो नए पोस्ट ग्रेज्युएट कॉर्स शुरू किए जाएंगे
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.शिवेन्द्र गुप्ता ने बताया कि आर्किटेक्चर विभाग की खामियां दूर कर इसे मॉडल बनाने का प्रयास जारी है। आने वाले दिनों में विभाग में मास्टर ऑफ आर्किटेक्चर लेंस केप और मास्टर ऑफ आर्किटेक्चर सिटी डिजाइन एंड प्लानिंग नाम के दो पोस्ट ग्रेज्युएट कॉर्स शुरू करने की योजना बनाई गई है।
यह खामियां कीं दूर
विश्वविद्यालय ने आर्किटेक्चर विभाग में कार्यकारी प्राचार्य, प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, विजिटिंग फेकल्टी की नियुक्ति की। 23 फेकल्टी को नियुक्त किया गया।
विभाग के स्टूडियो में खामी थी, जिसे दुरुस्त किया गया।
आर्किटेक्चर विद्यार्थियों के लिए लैब बनाई।
पुस्तकालय को अपग्रेड किया गया।
फेकल्टी और विद्यार्थियों के लिए वाइ-फाइ लगाया।
फेकल्टी के लिए अलग से रूम की व्यवस्था।
20 हजार मीटर में फैले विभाग का ब्यूटीफिकेशन किया गया।
गुजरात का मॉडल बनाएंगे
सीओए ने वीएनएसजीयू के आर्किटेक्चर विभाग को 80 सीटों की अनुमति दे दी है। विभाग को गुजरात आर्किटेक्चर विभागों का मॉडल बनाने का प्रयास किया जा रहा है। आर्किटेक्चर के पोस्ट ग्रेज्युएट कॉर्स शुरू करने का प्रयास चल रहा है।
– डॉ.शिवेन्द्र गुप्ता, कुलपति, वीएनएसजीयू
हासिल करेंगे 120 सीटें
पिछले चार साल से आर्किटेक्चर विभाग की सींटों के घटने का मुख्य कारण फेकल्टी की कमी थी। इसे कम समय में इंटरव्यू आयोजित कर पूरा किया गया। 80 सीटों के लिए 23 फेकल्टी को नियुक्त किया गया। 120 सीटें पाने के लिए जो कमी रह गई है, उसे भी दूर करने का प्रयास जारी है।
मयूर चौहाण, सीनेट सदस्य, वीएनएसजीयू
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