scriptIndependence Day 2021: मां हाट काली ऐसे बनीं भारतीय सेना की आराध्य देवी | Maa Haat Kali who is the adorable goddess of Indian Army | Patrika News

Independence Day 2021: मां हाट काली ऐसे बनीं भारतीय सेना की आराध्य देवी

locationभोपालPublished: Aug 15, 2021 11:19:40 am

एक सैन्य टुकड़ी ने इस मंदिर में महाकाली की मूर्ति की स्थापना की।

hat kalika Gangolihat

Gangolihat hat kalika

Independence Day 2021: भारत का आज 75वां स्वतंत्रता दिवस है, इन 75 वर्षोंं में देश की आजादी का अक्षुण्य रखने में भारतीय सेनाओं का मुख्य योगदान रहा है। ऐसे में आज http://patrika.com/ आपको देश की सेना से जुड़ी एक ऐसी देवी मां के बारे में बता रहे हैं, जिनके जयकारों ने न केवल द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान भारतीय सेना के पानी में डूब रहे एक जहाज किनारे पर लगा दिया, बल्कि आज वे एक भारतीय रेजीमेंट की अराध्य देवी भी है।

दरअसल आज हम बात कर रहे हैं देवभूमि उत्तराखंड के गंगोलीहाट में मौजूद माता हाट काली के बारे में, सेना की इन आराध्य देवी मां हाट कालिका का यहां ऐसा मंदिर है, जहां पर भारतीय सेना के कई बड़े अफसर भी लगातार आते रहे हैं।

maa hat kali

इस हाट कालिका मंदिर की घंटियों से लेकर यहां की धर्मशालाओं तक में में किसी न किसी आर्मी अफसर का नाम जरूर मिल जाएगा। इसका कारण यह भी है कि देवी मां हाट कालिका को कुमाऊं रेजीमेंट आराध्य देवी के रूप में पूजता है। जिसके चलते सालभर आम लोगों के साथ ही यहां कुमाऊं रेजीमेंट के जवानों और अफसरों की भीड़ लगी रहती है।

ऐसे बनी कुमाऊं रेजीमेंट की आराध्य देवी
बतया जाता है कि द्वितीय विश्वयुद्ध यानी 1939-1945 के समय एक बार भारतीय सेना का एक जहाज डूबने लगा, तब सैन्य अधिकारियों ने जवानों से अपने-अपने भगवान को याद करने का कहा गया। लेकिन कुछ नहीं हुआ और सभी को जहाज डूबने का पूरा विश्वास हो गया।

इसी समय कुमाऊं के सैनिकों ने जैसे ही हाट काली का जयकारा लगाया, वैसे ही जहाज अपने आप किनारे आ गया, तभी से कुमाऊं रेजीमेंट ने मां काली को आराध्य देवी की मान्यता दे दी। ऐसे में अब जब भी कुमाऊं रेजीमेंट के जवान युद्ध के लिए निकलते हैं तो वे काली मां के दर्शन के बाद ही आगे कदम बढ़ाते हैं।

 

Must Read- कभी इस पेड़ से हर रात को माता काली लगाती थीं, भगवान विष्णु और शिव को आवाज

famous temple of goddess kali

सेना ने स्थापित की महाकाली की पहली मूर्ति
पाकिस्तान के साथ हुए 1971 के युद्ध के बाद कुमाऊं रेजीमेंट ने सूबेदार शेर सिंह के नेतृत्व में एक सैन्य टुकड़ी ने इस मंदिर में महाकाली की मूर्ति की स्थापना की। सेना की ओर से स्थापित यह मूर्ति मंदिर की पहली मूर्ति थी। इसके बाद साल 1994 में कुमाऊं रेजीमेंट ने ही मंदिर में महाकाली की बड़ी मूर्ति लगाई, इसके अतिरिक्त रानीखेत स्थित कुमाऊं रेजीमेंटल सेंटर के अलावा रेजीमेंट की बटालियनों में भी मां हाट कालिका के मंदिर स्थापित हैं।

1971 की लड़ाई से भी है नाता

भारतीय सेना ने साल 1971 की लड़ाई में पाकिस्तान बुरी तरह से हरा दिया, जिसके बाद पाकिस्तानी सेना के करीब 1 लाख जवानों ने 16 दिसंबर 1971 को भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था। वहीं सेना की इस विजय से भी मां हाट कालिका का गहरा नाता माना जाता है। इसका कारण यह बताया जाता है कि 1971 की भारत-पाक लड़ाई के दौरान जवानों में महाकाली का जयकारा दोगुना जोश भर देता था।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो