
भोपाल। अंगकोर वाट, श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मंदिर है देश की राजधानी दिल्ली में स्थित स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस मंदिर में किसी भी तरह का लोहा या स्टील का प्रयोग नहीं किया गया है, बल्कि इसके निर्माण में केवल पत्थरों का ही प्रयोग किया गया है। इसकी भव्यता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह 100 एकड़ भूमि में फैला हुआ है। 11 हजार से ज्यादा कारीगरों ने मिलकर पांच साल में इसे तैयार किया था। ये रोचक फैक्ट्स जानकर आप भी जरूर जाना चाहेंगे यहां। यहां पत्रिका.कॉम आपको बता रहा है कैसे जाएं यहां...
2005 में किया गया उद्घाटन
स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर, एक प्रमुख दर्शनीय स्थल जिसका निर्माण नक्काशीदार संगमरमर से किया गया है। 10 हजार साल पुरानी भारतीय संस्कृति, वास्तुकला और आध्यात्मिकता को दर्शाते इस अक्षरधाम मंदिर में मुख्य मूर्ति भगवान स्वमीनारायण की है। इस मंदिर का परिसर 100 एकड़ भूमि में फैला हुआ है। कहा जाता है कि इस मंदिर को बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था की ओर से बनवाया गया था। इस मंदिर का उद्घाटन 6 नवंबर 2005 में किया गया था। जबकि 8 नवंबर 2005 को इसे आम जन के लिए खोल दिया गया था।
दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मंदिर
अक्षरधाम मंदिर भूमि क्षेत्र के हिसाब से दुनिया के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है। आपको बता दें कि दुनिया का पहला सबसे बड़ा मंदिर अंगकोर वाट, दूसरा श्री रंगनाथ मंदिर है। तो स्वामीनारायण भगवान का यह मंदिर तीसरा सबसे बड़ा मंदिर है। ये अन्य मंदिरों की तरह साधारण मंदिर नहीं है। अक्षरधाम मंदिर का पूरा परिसर 100 एकड़ भूमि में फैला हुआ है। सौ एकड़ की विशाल भूमि में फैले इस तरह के विशाल मंदिर का निर्माण कोई आसान काम नहीं था। इस मंदिर को बनाने में 11 हजार से भी अधिक कारीगरों को लगाया गया था। इतने शानदार मंदिर का पूरा काम सिर्फ पांच साल में पूरा कर दिया गया था।
अद्भुत है इसका वास्तु शिल्प
इसके वास्तुशिल्प को इस ढ़ंग से डिजाइन किया गया है कि यह मंदिर अगले 1000 वर्ष से भी अधिक समय तक ज्यों का त्यों सुरक्षित रह सकता है। यह 350 फीट लंबा, 315 फीट चौड़ा और 141 फीट ऊंचा है। मंदिर में 234 नक्काशीदार खंभे बड़ी ही खूबसूरती से सजाए गए हैं। 9 खूबसूरत नक्काशीदार गुंबदें इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाती हैं। दो मंजिला मंदिर की इस इमारत में इमारत 1152 स्तंभ भी हैं। इस मंदिर को बनाने में किसी स्टील और कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं किया गया है। बल्कि पूरा मंदिर शुद्ध रूप से राजस्थान के गुलाबी पत्थर और इतालवी संगमरमर से बना हुआ है। अक्षरधाम मंदिर की एक खासियत यह भी है कि यह 10 द्वारों यानी 10 दरवाजों से घिरा हुआ है। ये 10 दरवाजे वैदिक साहित्य के अनुसार 10 दिशाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।
गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉड्र्स में दर्ज है मंदिर
17 दिसंबर 2007 को, अक्षरधाम मंदिर को दुनिया में सबसे बड़ा व्यापक हिंदू मंदिर होने के लिए गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में स्थान मिला है। आपको बता दें, कि मंदिर में यज्ञपुरुष कुंड है, जो दुनिया के सबसे बड़े कुंड में आता है। इसमें 108 छोटे तीर्थ हैं और कुंड की ओर 2870 सीढिय़ां बनी हुई हैं।
पवित्र नदियों का संगम है यहां
अक्षरधाम मंदिर नारायण सरोवर नाम की झील से घिरा हुआ है। इस झील में पुष्कर सरोवर, इंद्रद्युम्न सरोवर, मानसरोवर, गंगा, यमुना, और कई अन्य सहित 151 नदियों और झीलों का पवित्र जल है। इसके अलावा, सरोवर के साथ, 108 गौमुखों का एक समूह है, जो 108 देवताओं का प्रतिनिधत्व करता है। साथ ही अक्षरधाम मंदिर में 'प्रेमवती अहरगृहÓ नामक एक फूड कोर्ट है। इसे महाराष्ट्र की अजंता और एलोरा गुफाओं की थीम पर बनाया गया है।
खूबसूरती बढ़ाता है 'लोटस गार्डन'
अक्षरधाम मंदिर में ऐसी कई जगह हैं जहां टूरिस्ट की भीड़ उमड़ती है। इन्हीं में से एक है लोटस गार्डन। बगीचे का निर्माण बड़े पत्थरों और कमल के आकार में किया गया है, इसीलिए यह लोटस गार्डन कहलाता है। आप भी मंदिर जाएं तो यहां जरूर जाइएगा।
मंदिर खुलने का समय
अक्षरधाम मंदिर सुबह 9.30 बजे खुल जाता है। वहीं रात 8 बजे तक खुला रहता है। हालांकि मंदिर में प्रवेश करने का समय शाम 6 बजे तक ही है। यहां प्रवेश का कोई शुल्क नहीं लिया जाता।
कब बंद रहता है अक्षरधाम मंदिर
अगर आप यहां जाने की तैयारी कर रहे हैं, तो आपको बता दें कि अक्षरधाम मंदिर सोमवार को बंद रहता है। इसलिए सोमवार के बजाय आप किसी भी दिन यहां जाने की प्लानिंग कर सकते हैं।
प्रदर्शनी है आकर्षण का केंद्र
मंदिर में एक प्रदर्शनी का आयोजन होता है। यह हमेशा रहता है। इस प्रदर्शनी का समय सुबह 10 बजकर 30 मिनट से शुरू होता है और शाम 6 बजे तक रहता है। मंदिर में स्थित वाटर शो टूरिस्ट को बहुत पसंद आता है। इसका समय रात 7 बजकर 45 मिनट से है। फाउंटेन शो 4 साल के बच्चों के लिए फ्री है। जबकि 12 साल के बच्चों के लिए 50 रुपए का टिकट है। साथ ही 12 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को 100 रुपए का टिकट लेना होता है।
कैसे पहुंचे अक्षरधाम मंदिर
ट्रेन से
दिल्ली रेलवे स्टेशन, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, आनंद विहार रेलवे स्टेशन से अक्षरधाम मंदिर के लिए मेट्रो मिल जाती है। इसके अलावा यहां से बस और टैक्सी की भी सुविधा है।
मेट्रो से
दिल्ली पहुंचकर मेट्रो से यहां पहुंच सकते हैं। आपको बता दें कि मेट्रो रेल कॉरपोरेशन दिल्ली की लाइफ लाइन है। दिल्ली एनसीआर स्थित किसी भी शहर से मेट्रो सर्विस के माध्यम से आप अक्षरधाम मंदिर पहुंच सकते हैं।
बस से
अक्षरधाम मंदिर के सामने बस स्टैंड मौजूद है। दिल्ली के किसी भी हिस्से से अक्षरधाम के लिए बस सर्विस की सुविधा आसानी से मिल जाती है।
टैक्सी से
दिल्ली के रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट या बस स्टेशन से अक्षरधाम मंदिर के लिए टैक्सी सर्विस भी आसानी से उपलब्ध है।
फ्लाइट से
इंंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लगभग 22.2 किलोमीटर की दूरी पर अक्षरधाम मंदिर स्थित है। एयरपोर्ट से टैक्सी या मेट्रो के जरिए सीधे अक्षरधाम मंदिर आसानी से पहुंचा जा सकता है।
Updated on:
27 Dec 2022 01:52 pm
Published on:
27 Dec 2022 01:51 pm
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