
Ramraja lok में खुदाई में मिला 16वीं से 17वीं सदी का इतिहास, अब इसके संरक्षण की तैयारी...
Ramraja Lok Orchha: रामराजा लोक की खुदाई में ओरछा की जमीन से फिर इतिहास की अमूल्य धरोहरें सामने आईं। शनिवार को खनन के दौरान जमीन में पांच फीट नीचे दबे चार ऐतिहासिक मेहराबदार गेट सामने आए हैं। यह गेट एक क्रम में लंबी संरचनाएं हैं, जो संभवत: एक दूसरे से जुड़े हैं। 16 वीं एवं 17 वीं सदी के बीच में बनी ओरछा में धरातल के ऊपर दिखाई दे रहे मठ, मंदिर और महल जितने आकर्षक और बेजोड़ बुंदेली स्थापत्य कला को प्रदर्शित कर रहे हैं, उससे कहीं अधिक यहां के बेसमेंट में मिल रही संरचनाएं हैं।
बता दें कि ओरछा में पर्यटन विभाग (Orccha Tourism Department) महाकाल लोक (Mahakal Lok) की तर्ज पर रामराजा लोक निर्माण में धर्मशाला से फूलबाग और हरदौल बैठका तक खुदाई हो रही है। इस खुलासे के बाद यहां काम बंद कर दिया है, जांच के लिए टीम बुलाई गई है। सर्वे के बाद ही आगे का काम होगा।
पुरातत्व विभाग के क्यूरेटर घनश्याम बाथम का कहना है कि यह पूरा परिसर बेसमेंट युक्त है। सावन-भादौ स्तंभ के नीचे, पालकी महल, जुझार सिंह महल में पहले भी बेसमेंट सामने आ चुके हैं। बहुत संभावना है कि जगह-जगह बने यह बेसमेंट या तो कर्मचारियों के निवास होंगे या फिर गर्मी से बचने के लिए इनका निर्माण किया गया होगा।
जो समय की धूल के साथ जमीन में दफन होते चले गए। अब रामराजा लोक के कार्य के लिए चल रही खुदाई में जमीन के अंदर छिपा इतिहास सामने आ रहा है।
-सावन-भादौ स्तम्भ के नीचे वातानुकूलित कक्ष
-जानकी महल के नीचे मेहराबदार कक्ष
-पार्किंग स्थल पर रहवासी बेसमेंट एरिया
-जुझार सिंह महल के नीचे फव्वारा एवं कक्षनुमा संरचना
Published on:
05 May 2025 09:05 am
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