
टीकमगढ़. मूंगफली निवाड़ी जिले की नई पहचान बन गई है। मात्र तीन सालों में मूंगफली का रकबा तीन गुना बढ़ने के साथ ही यह खरीफ सीजन की मुख्य फसल बन गई है। मानसून की अनिश्चितता और दलहनी फसलों में लगने वाली रोग बीमारी के बाद अब निवाड़ी जिले के किसानों ने पारंपरिक सोयाबीन, उड़द और मूंग की फसल से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया है। इनकी जगह किसान अब मूंगफली की ओर आकर्षित हो रहे है।
कृषि विभाग द्वारा इसके लिए किए गए प्रोत्साहन का परिणाम यह है कि इस वर्ष निवाड़ी जिले में 36 हजार हेक्टेयर में मूंगफली की पैदावार हुई है। मंडी में बंफर मूंगफली आने से दूसरी फसलों को रखने के लिए जगह भी नहीं मिल रही है। तीन साल पहले तक जिले में 8-10 हेक्टेयर में मूंगफली होती थी। 20-22 हजार हेक्टेयर के साथ सोयाबीन खरीफ की मुख्य फसल थी। इस बार मात्र 300 से 500 हेक्टेयर में ही सोयाबीन योया गया था।
किसानों को किया प्रेरित
वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी वीके नायक के अनुसार सोयाबीन, उड़द और मूंग की फसल के लगातार असफल होने पर किसानों को मूंगफली के लिए प्रेरित किया गया था। निवाड़ी में बढ़ रहे मूंगफली के उत्पादन को देखते हुए दो प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित हो गई हैं। जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक राजशेखर पांडे ने बताया कि 70 लाख रुपए से बड़ी यूनिट तो दूसरी यूनिट 40 लाख रुपए की है। यहां मूंगफली को तोड़ दाना निकाला जा रहा है।
Published on:
22 Nov 2021 05:26 pm
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