
जमीन के अंदर मिले कमरे तो पुरातत्व विभाग ने मशीनें रोक दीं। मजदूरों से कराई जा रही है खुदाई।
MP News: श्रीरामराजा सरकार की नगरी ओरछा 500 साल पहले सुपर स्मार्ट सिटी थी। यहां हर मौसम में अनुकूल रहने की व्यवस्थाएं थीं। जमीन के ऊपर और नीचे घरों का निर्माण होता था। इसमें पानी जमा करने बावड़ी बनाई जाती थी। 400 साल पहले बाढ़ में सब डूबा, पर अब श्रीरामराजा लोक के लिए हो रही खुदाई में नीचे बसा शहर सामने आ रहा है। वीआइपी पार्किंग में खुदाई में मिले कमरे व मंदिर प्राचीन शहर की स्थापत्य कला की गवाही दे रहे हैं।
पुरातत्व विभाग के क्यूरेटर घनश्याम बाथम ने बताया, खुदाई में मंदिर और कमरे मिलने के बाद मशीनों से काम बंद कर दिया गया है। कुशल मजदूरों से मलबा हटाया जा रहा है। कमरे के अंदर और भी दरवाजे हैं। उन्हें खोलकर पूरी संरचना का पता किया जाएगा।
बाथम के अनुसार, पहाड़ी क्षेत्र और नदी घाटी का किनारा होने से गर्मी और उमस से बचने के लिए ऐसी संरचनाओं का निर्माण किया गया होगा। प्रमुख जगह बेसमेंट कमरे और मंदिर की संरचना सुरक्षित है। इसकी पूरी संरचना को निकालने की तैयारी है।
पर्यटन विभाग के उपयंत्री पीयूष वाजपेयी ने बताया, अब जीपीएस सर्वे होगा। बताते हैं, पूरे ओरछा में बेसमेंट सुविधा थी। जहांगीर महल, राजमहल के साथ ही अन्य कोठियों के पास पहले भी ऐसे बेसमेंट मिले हैं।
Updated on:
17 Jun 2024 08:45 am
Published on:
17 Jun 2024 08:39 am
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