
tikamgarh panchayat controversy (फोटो- सोशल मीडिया)
Tikamgarh Panchayat Controversy: टीकमगढ़ जिला पंचायत में चल रही है जिला पंचायत अध्यक्ष और सीईओ के बीच की तकरार अब मुख्यमंत्री और पंचायत मंत्री के पास पहुंचेगी। जिला पंचायत अध्यक्ष उमिता सिंह लोधी (Chairman Umita Singh Lodhi) ने बिना सूचना दिए सामान्य सभा की बैठक आयोजित करने के मामले में मुख्यमंत्री सीएम मोहन यादव (CM Mohan Yadav) और पंचायत मंत्री से शिकायत करने की बात कही है। साथ ही उन्होंने सीईओ पर तानाशाही करने का आरोप लगाया है। (MP News)
बुधवार को जिला पंचायत की सामान्य सभा की बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सहित 13 सदस्य अनुपस्थित थे। इसे लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष उमिता सिंह का कहना था कि उन्हें बैठक की कोई सूचना नहीं दी गई है। वही जिला पंचायत सीईओ नवीत धुर्वे (CEO Naveen Dhurve) क्या कहना था की बैठा के की तिथि और एजेंडा अध्यक्ष की सहमति से ही तय किया गया था। साथी उन्होंने अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित सभी को व्यक्तिगत रूप से बैठक की सूचना देने की बात कही थी।
जिला पंचायत अध्यक्ष उमिता सिंह लोधी का आरोप है कि सीईओ पंचायत विभाग के निर्देशों का भी पालन नहीं कर रहे है। उन्होंने बताया कि पंचायत विभाग ने पंचायत सचिव, रोजगार सहायक और उपयंत्रियों के स्थानांतरण करने का अनुमोदन अध्यक्ष से करने की निर्देश दिए हैं, लेकिन उनके बिना अनुमोदन के ही यह स्थानांतरण किया जा रहे हैं। विभाग में निर्माण कार्य और वित्तीय स्वीकृति की फाइलें भी बिना अध्यक्ष के अनुमोदन के स्वीकृत न करने के निर्देश दिए हैं लेकिन उसका भी पालन नहीं किया जा रहा है।
उमिता सिंह ने बैठक को लेकर सोशल मीडिया पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने इसकी शिकायत आयुक्त से करने के साथ ही लिखा है कि जिला पंचायत सीईओ नवीन कुमार धुर्वे द्वारा मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 को न मानते हुए, अपना स्वयं का नया अधिनियम घोषित कर असंवैधानिक तरीके से जिला पंचायत की सामान्य सभा बैठक आयोजित कराई गई। जिसमे जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य उपस्थित नहीं थे। मात्र दो सदस्यों की उपस्थित में बैठक की गई है।
जिला पंचायत अध्यक्ष उमिता सिंह लोधी का कहना है की सामान्य सभा की बैठक के लिए स्पष्ट निर्देश हैं की सभी विभागों के प्रमुख अधिकारी शामिल होंगे, लेकिन अधिकांश विभागों से अधिकारियों की जगह उनके प्रतिनिधि भेजे जा रहे हैं। ऐसे में काम प्रभावित होते हैं। सीईओ इस पर इसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करते। जब वह खुद के अधिकारों के लिए जागरुक नहीं है तो अध्यक्ष के लिए आए निर्देशों का कैसे पालन करेंगे। (MP News)
Published on:
21 Nov 2025 10:20 am
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