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‘वोट चोरी’ के आरोपों के बीच केंद्रीय मंत्री के बंगले के पास बड़ी संख्या में पड़े मिले वोटर आईडी, जांच शुरु

MP News: एमपी में मंगलवार रात बड़ा खुलासा हुआ। केंद्रीय मंत्री के सरकारी बंगले के पास से 43 वोटर आईडी कार्ड बरामद हुए, जिनमें कई आधे जले मिले।

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voter ID cards found Union Minister bungalow vote chori tikamgarh mp news

voter ID cards found Union Minister bungalow vote chori tikamgarh (फोटो-सोशल मीडिया)

MP News: मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से इस वक्त की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां कांग्रेस द्वारा लगाए जा रहे 'वोट चोरी' (Vote Chori) के आरोपों के मंगलवार देर रात सिविल लाइन रोड पर स्थित केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक के बंगले (Virendra Kumar Khatik Bungalow) पास 43 वोटर आईडी कार्ड्स बरामद हुए है। इनमे से कुछ की हालत जली हुई है। ये वोटर आईडी कार्ड सड़क किनारे मिले। बताया जा रहा है कि यह आईडी कार्ड्स स्वास्थ्य विभाग के जिला कार्यालय में पदस्थ कर्मचारी के गोल क्वार्टर के सरकारी घर के सामने मिले है। इसी कर्मचारी के घर के पास केंद्रीय मंत्री का बंगला है।

सांसद प्रतिनिधि ने दी सूचना, मौक पर पहुंचे तहसीलदार

बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले की जानकारी खुद सांसद प्रतिनिधि विवेक चतुर्वेदी ने ही प्रशासन दी है। सांसद प्रतिनिधि द्वारा जानकारी दिए जाने पर तहसीलदार सत्येंद्र सिंह गुर्जर, पटवारी और प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची। पहली दृष्ट्या में अधिकारियों ने संभावना जताई है कि इन वोटर आईडी कार्ड्स (Voter ID Cards) का इस्तेमाल किसी योजना का लाभ उठाने में किया गया होगा। वहीं मौके पर मौजूद भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष हरप्रसाद कुशवाहा का कहना था कि इस प्रकार से लोगों के दस्तावेज का उपयोग कर कई प्रकार के फर्जी काम होते हैं। ऐसे में प्रशासन को गंभीरता से इसकी जांच करानी चाहिए।

जांच के दिए गए आदेश

टीकमगढ़ कलेक्टर विवेक श्रोतिय ने पूरे मामले की गंभीरता देखते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं। फिलहाल सभी कार्ड्स प्रशासन की कस्टडी में हैं और यह पड़ताल की जा रही है कि आखिर इतने सारे वोटर आईडी कार्ड केंद्रीय मंत्री के बंगले के पास कैसे पहुंचे और किसने इन्हें जलाने की कोशिश की।

निर्वाचन और स्वास्थ्य विभाग से कराएंगे जांच

तहसीलदार ने कहा कि यह कार्ड निर्वाचन शाखा में भेजकर पता किया जाएगा कि यह फर्जी है या असली। साथ ही स्वास्थ्य विभाग को भी पत्र लिखकर इसकी जांच कराई जाएगी। जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।