
अपनी आंखों से देखना चाहते हैं 'कांतारा' वाला 'भूत कोला'
इस साल 30 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई कन्नड़ फिल्म 'कांतारा' (Kantara) ने लोगों पर अपना जादू सा चला दिया है। फिल्म का क्रेज लोगों से सर से उतरने का नाम नहीं ही ले रहा है। ऋषभ शेट्टी (Rishab Shetty) की फिल्म ने अत तक की रिलीज हुई सभी हिंदी, साउथ और हॉलीवुड फिल्मों को पीछे छोड़ते हुए कमाई के सार रिकॉर्ड्स तोड़ रही है। इस फिल्म ने अब तक 355 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई कर ली है। ऋषभ शेट्टी ने इस फिल्म को निर्देशित करने के साथ-साथ फिल्म में अभिनय भी किया है। साथ ही फिल्म में उनके साथ एक्ट्रेस सप्तमी गौड़ा (Sapthami Gowda) भी नजर आ रही हैं। इतना ही नहीं फिल्म के लिए दर्शकों का क्रेज देख इसको 14 अक्टूबर को हिंदी में भी रिलीज किया गया था।
ओटीटी पर भी जल्द होगी रिलीज
इसी बीच काफी ऐसे दर्शक भी हैं जो इस फिल्म के ओटीटी पर आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हालांकि, इसको लेकर अभी कोई जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन बताया जा रहा है कि फिल्म जल्द ही ओटीटी प्लेफॉर्म पर रिलीज की जाएगी। वहीं इस फिल्म में दर्शकों का सबसे ज्यादा ध्यान 'दैव कोला' यानी 'भूत कोला' जिसको 'बुता कोला' कहा जाता है ने खिंचा है।
क्या हैं 'बुता कोला'?
ऐसे में ज्यादातर लोग अब इस रिचुअल यानी 'बुता कोला' को यूट्यूब भी देख रहे हैं, लेकिन अगर आप इसको सच में देखा चाहते हैं ये खबर आपके लिए ही है और आज हम आपको बताएंगे कि आप 'बुता कोला' कब और कहां देख सकते हैं, लेकिन इससे पहले आपको ये जानना चाहिए कि ये क्या है? ये एकतरह की सालाना पूजा होती है। लोगों की मान्यता है कि जो शख्स ये नृत्य करता है उसके अंदर पंजुरली देवता आते हैं और वो गांव वालों के विवादों को सुलझाते हैं।
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कब और कहा देख सकते हैं 'बुता कोला'?
अगर आप भी इसको देखना चाहते हैं तो इसके लिए आपको कर्नाटक के उडुपी, मैंगलोर और कुंडापुर के गांवों में जाना होगा। आमतौर पर ये पूजा नवंबर महीने के आखिर में शुरू होती है जो मई और जून तक चलती है। इसके अलावा कई गांवों और देवस्थानों पर इसको करनी की तारीख फिक्स भी होती है। जैसे अगले साल मैंगलोर के कल्लड़का में ये रिचुअल 6 और 7 जनवरी 2023 को होने वाला है। वहीं मैंगलोर के ही गरोड़ी में 25 दिसंबर को और शिबरूर स्थित श्री कोडमानिट्टया क्षेत्र में 18-25 दिसंबर के बीच दैव कोला होने वाला है।
करीब 600 सालों से चली आ रही परंपरा
बताया जाता है कि इस परंपरा की शुरूआथ अभी नहीं हुई है, बल्कि सदीयों से चली आ रही है। जी हां, इन सभी क्षेत्रों में ये 'बुता कोला' करीबन 550-600 सालों से चली आ रही है। इस बारे में बात करते हुए फिल्म के एक्टर और डायरेक्टर ऋषभ शेट्टी ने बताया कि 'वे खुद कुंडापुर से हैं, जो इसका एक केंद्र है'। साथ ही उन्होंने बताया कि 'उन्होंने बचपन से जो भी देखा उसे हूबहू फिल्म में उतार दिया'।
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Updated on:
12 Nov 2022 11:24 am
Published on:
12 Nov 2022 10:48 am
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