फिल्मों में अभिनेत्री को सुंदर तथा आकर्षक दिखाने के लिए बेहद भारी भरकम मेकअप का प्रयोग किया जाता है। लेकिन एक अभिनेत्री ऐसी भी हैं जो अपनी फिल्मों में बिना मेकअप के ही नजर आतीं हैं। यहां बात की जा रही है दक्षिण भारतीय सिनेमा की उभरती हुई अभिनेत्री साईँ पल्लवी की।
साई ने अपनी पहली ही फिल्म 'फिदा' से दर्शकों का दिल जीत लिया था। पल्लवी अपने अलग रोल के लिए जानी जाती हैं। साई की फैन फॉलोइंग का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि उनकी हर छोटी से छोटी बात फैंस जानना चाहते हैं।
साल 2014 में जब वह TSMU में पढ़ाई कर रही थी, तब निर्देशक अल्फोंज पुथरिन ने साई पल्लवी को फिल्म 'प्रेमम' में 'मलार' की भूमिका के लिए ऑफर दिया। इसके लिए उन्हें साउथ का फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला था।
पिछले दिनों साईं पल्लवी अचानक 2 करोड़ के फेयरनेस क्रीम का विज्ञापन करने से मना करके चर्चा में आईं थीं। एक इंटरव्यू में तेलगु अभिनेत्री ने बताया है कि आखिर उन्होंने फेयरनेस क्रीम का 2 करोड़ का विज्ञापन करने से क्यों इंकार कर दिया।
साई फेयरनेस क्रीम का विज्ञापन नहीं करने की वजह बताई कि वो भारतीय हैं और उनका रंग सही है। साई का मानना है कि इस तरह के विज्ञापन लोगों को खासकर महिलाओं को गलत संदेश देते हैं। इसलिए वो ऐसे किसी भी कैंपेन का हिस्सा नहीं बनना चाहतीं हैं।
साई पल्लवी को साउथ फिल्मों में आए ज्यादा समय नहीं हुआ है लेकिन साई ने अपनी अलग फैन फॉलोइंग बना ली है। साई पल्लवी को अपनी पहली ही फिल्म से बड़ी सफलता हाथ लगी थी लेकिन साई ने इसके बावजूद अपनी मेडिकल की पढ़ाई नहीं छोड़ी और डॉक्टर बनने का सपना भी पूरा किया।
पल्लवी के बारे में एक और बात जो काफी फेमस है वह यह कि वे अधिकतर फिल्मों में बिना मेकअप के ही काम करती हैं. फिल्मों में बिना मेकअप के नजर आने के चलते ही लोगों ने उन्हें बेहद पसंद भी किया है।
वे यदि किसी फिल्म में मेकअप बगी करती हैं तो वह काफी कम होता है. सोशल मीडिया पर भी उनके बिना मेकअप वाले फोटोज और वीडियोज वायरल होते ही रहते हैं. सभी उनकी इस अदा को काफी पसंद करते हैं। साई पल्लवी एकमात्र ऐसी अभिनेत्री हैं जो ऑफ कैमरा ही नहीं ऑन कैमरा भी बिना मेकअप के शूट करने में सहज रहती हैं।
बिना मेकअप और नेचुरल लुक को सामने रखने के चलते ही साई ने दो करोड़ की फेयरनेस क्रीम का विज्ञापन भी ठुकरा दिया था। इस क्रीम का प्रचार गोरेपन के लिए किया जाने वाला था। साई का कहना है कि नेचुरल चीजें ही बेहतर होती हैं।