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बीसलपुर बांध के 6 गेट खोले, 96 हजार 160 क्यूसेक पानी की निकासी जारी

Bisalpur Dam water level today 13 september: बीसलपुर बांध के कैचमेंट एरिया सहित जलभराव क्षेत्र व बांध के करीबी क्षेत्र में गुरुवार शाम से मेघों की मेहरबानी के चलते लगातार हो रही झमाझम बारिश से बांध में पानी की आवक एक बार फिर से तेज होने लगी है।

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टोंक

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kamlesh sharma

Sep 13, 2019

bisalpur dam

टोंक/राजमहल। बीसलपुर बांध के कैचमेंट एरिया सहित जलभराव क्षेत्र व बांध के करीबी क्षेत्र में गुरुवार शाम से मेघों की मेहरबानी के चलते लगातार हो रही झमाझम बारिश से बांध में पानी की आवक एक बार फिर से तेज होने लगी है।

बीसलपुर बांध के कंट्रोल रूम के अनुसार बांध से बनास नदी में गुरुवार शाम को दो गेट आधा-आधा मीटर तक खोल कर बनास नदी में प्रति सेकंड 6 हजार 10 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही थी, शुक्रवार सुबह 6 बजे बांध के 3 गेट खोलकर बनास नदी में पानी की निकासी 18 हजार 30 क्यूसेक कर दी गई है।वहीं सुबह 10 बजे तक बांध के चार गेट तीन-तीन मीटर तक खोल कर बनास नदी में पानी की निकासी प्रति सेकंड 48 हजार 60 क्यूसेक कर दी गई।

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दोपहर 12.30 बजे पांच गेट खोल कर 84 हजार 140 क्यूसेक पानी की निकासी की गई, जिसमें चार गेट तो तीन-तीन मीटर व एक गेट दो मीटर खोला गया। दोपहर 3 बजे तक 6 गेट खोल कर पानी की निकासी 96 हजार 160 क्यूसेक कर दी गई।

इनमें चार गेट तीन-तीन मीटर व दो गेट दो-दो मीटर खोले गए हैं। शाम 6.30 बजे बांध के खोले गए छह गेट को दो-दो मीटर कर 72 हजार 120 क्यूसेक पानी की निकासी कर दी गई। तेज बारिश के चलते शुक्रवार शाम 5 बजे तक त्रिवेणी का गेज 4.40 मीटर पर पहुंच गया है, जिससे बांध में पानी की आवक अभी लगातार बनी रहने की संभावना है।

दो घंटे से अधिक समय तक बारिश हुई
टोंक जिला मुख्यालय सहित सम्पूर्ण जिले में शुक्रवार हुई मुसलाधार बारिश ने जिले को तरबतर कर दिया वही हुई बारिश के बाद गांवों-कस्बों की सडक़ो ने तलैया तो नालों ने दरिया का रूप ले लिया। वही पानी भरने से खेत जलमग्न हो गए इससे फसलों में भारी नुकसानका खतरा बना हुआ है।

उल्लेखनीय है की सुबह मध्यम दर्जे से शुरू हुई बारिश ने अचानक तेज मुसलाधार बारिस का रूप ले लिया ओर करीब दो घंटे से अधिक समय तक बारिश हुई। इससे शहर की सडक़े व नाले उफान पर आ गए। साथ ही जिले के कई गांवों में घरों में पानी भरने से लोगों को परेशान होना पड़ा तो कई कच्चे मकान धराशायी हो गए।

वही बारिश के बाद खेत जलमग्न हो गए इससे फसलों में नुकसान होने की संभावना को लेकर किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें खींच गई। हालांकि गुरुवार शाम से मध्यम दर्जे की बारिश शुरू हुई जो रात भर चली इससे कई दिनों से पड़ रही भीषण गर्मी-उमस से लोगों को राहत मिली।