
बीसलपुर बांध (फोटो-पत्रिका)
Bisalpur Dam: टोंक। बीसलपुर बांध के कैचमेंट एरिया के साथ ही निकटवर्ती जलभराव क्षेत्र में इस बार जमकर बरसे मानसून ने जयपुर, अजमेर व टोंक जिले के लिए अगले दो वर्ष तक पेयजल की चिंता को समाप्त कर दिया है। वहीं पिछले सभी रिकार्ड तोड़कर बांध बीते 74 दिनों से लगातार छलक रहा है जिससे बांध का गेज पूर्ण जलभराव 315.50 आरएल मीटर पर स्थिर बना हुआ है।
बीसलपुर बांध हर बार अगस्त माह में छलकता आया है मगर इस बार मानसून की मेहरबानी के चलते पहली बार पूर्व के रिकार्ड तोड़ते हुए पहली बार जुलाई माह में छलका है। जो रविवार 5 अक्टूबर तक बीते 74 दिनों से लगातार छलक रहा है। ऐसे में बांध से बीते 74 दिनों से लगातार हो रही जलापूर्ति व वाष्पीकरण का पानी भी बचा हुआ है। वही बांध में अभी भरा पानी राजधानी के साथ ही अजमेर व टोंक के साथ ही इनसे जुड़े सैकड़ों गांव व कस्बों की लाखों की आबादी के लिए अगले दो वर्ष के लिए पेयजल की चिंता समाप्त है।
इधर बीसलपुर बांध के गेट संख्या 11 को रविवार तक 25 सेंटीमीटर तक खोलकर बनास नदी में प्रति सेकंड 1503 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। बांध से बनास नदी में अब तक करीब 24 टीएमसी पानी छोड़ा जा चुका है। वहीं त्रिवेणी का गेज 2.60 मीटर चल रहा है।
बांध का गेज अभी भी पूर्ण जलभराव 315.50 आरएल मीटर पर स्थिर है। ऐसे में जलापूर्ति के लिए राजधानी के साथ ही अजमेर व टोंक जिले को दो वर्ष के बाद भी 74 दिनों तक अतिरिक्त जलापूर्ति के लिए पानी का तोहफा मिल चुका है। हालांकि इस दौरान बीच में अगले वर्ष फिर से मानसून का दौर चलेगा। जिससे आगे भी पेयजल के लिए जल संसाधन विभाग की चिंता समाप्त मानी जा रही है।
बांध के पूर्ण जलभराव होकर छलकने के बाद इस बार टोंक जिले के किसानों को सिंचाई का पानी देने की तैयारियां भी बांध परियोजना करने लगा है। वहीं अगले वर्ष तक बांध का गेज अधिक रहने के साथ ही अगले दो वर्ष तक सिंचाई के लिए बांध की दायीं व बायीं मुख्य नहरों से पानी मिलने की संभावना को लेकर जिले के किसानों में भी खुशी की लहर है। गौरतलब है कि बीसलपुर बांध में पूर्ण जलभराव होने या फिर पूर्ण जलभराव का 75 फीसदी पानी भरने पर सिंचाई के लिए 8 टीएमसी पानी आरक्षित रखा गया है। क्षेत्र में इस बार तेज बारिश के चलते खेतों में अभी तक नमी बनी हुई है। ऐसे में किसानों के अनुसार प्रथम सिंचाई के दौरान भी नहरों से सिंचाई के पानी की बचत मानी जा रही है।
बांध से इस बार सबसे अधिक दिनों तक पानी की निकासी होने से पेयजल के पानी की बचत होना स्वाभाविक है। वहीं अत्यधिक बारिश के चलते खेतों में भी नमी बनी हुई है। हालांकि नहरों में सिंचाई का पानी छोड़ने का निर्णय राज्य सरकार के अधीन है। -मनीष बंसल, अधिशासी अभियंता, बीसलपुर बांध परियोजना देवली
Updated on:
05 Oct 2025 09:29 pm
Published on:
05 Oct 2025 06:17 pm
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