गुस्साएं ठेकेदारों ने राशि नहीं मिलने पर बुधवार रात टोंक कार्यालय के कर्मचारियों को बंधक
mortgage बना लिया है। वे पूरी रात कम्पनी कार्यालय के अंदर कर्मचारियों को बंद कर बाहर बैठे रहे। किसी भी सीनियर अधिकारी के नहीं आने पर ठेकेदारों ने सुबह कर्मचारी को बाहर जाने दिया।
read more: Patrika impact: चेता जलदाय विभाग, कराई पाइप लाइन की मरम्मत गुरुवार दिनभर कोई भी कम्पनी कर्मचारी कार्यालय में नहीं आया। ऐसे में कार्यालय सूना रहा। वहीं ठेकेदार कार्यालय के बाहर जमा रहे। गौरतलब है कि 16 नवम्बर 2015 को आरयूआईडीपी
RUIDP के तहत पेयजल व सीवरेज लाइन कार्य शुरू किया गया था। शहर की इस
परियोजना के तहत 388 करोड़ की लागत से दोनों कार्य किए जाने थे।
2018 में होना था पूराइस परियोजना को वर्ष 2018 में ही पूरा होना था, लेकिन कार्य की गति बेहद धीमी होने के कारण तीन साल बाद भी महज 37 प्रतिशत ही कार्य हो पाए। वहीं
प्रशासनिक अधिकारी व जनप्रतिनिधियों ने धीमी गति पर नाराजगी जाहिर की थी।
read more:केबिन में संचालित मेडिकल स्टोर का लाइसेंस 15 दिन के लिए निलंबित टोंक वाटर सप्लाई लिमिटेड व उससे सम्बन्धित कम्पनियों पर कार्य में ढिलाई बरते जाने पर व आदि के कारण के चलते पहले ही10 करोड़ से अधिक का
जुर्माना लगाया जा चुका है। हालांकि अभी भी
आरयूआईडीपी उक्त कम्पनी और भी कार्रवाई करेगी। इस कम्पनी ने अब तक 77 करोड़ के कार्य कराए हैं।
5 करोड़ 15 लाख 50 हजार से अधिक है बकाया
कम्पनी कार्यालय पर प्रदर्शन कर रहे ठेकेदारों ने बताया फिलहाल 5 करोड़ 15 लाख 50 हजार रुपए के बिलों का भुगतान कराने के लिए ठेकेदार आए हैं। उन्होंने बताया कि ये राशि और अधिक है।
उन्होंने बताया कि केवट कन्सट्रक्शन 12 लाख, वीके इन्फ्रास्ट्रक्चर साढ़े तीन लाख, आरएस इन्फ्रास्ट्रक्चर 22 लाख, केआरबी कन्सट्रक्शन 29 लाख, निदेश्रम निवेशिका 29 लाख, श्री राम कन्सट्रक्शन 45 लाख, श्रीसंतगुरु
इन्फ्रास्ट्रक्चर 7 लाख, एच एण्ड के पावर सोल्यूशन 11 लाख, राज ग्रुप इन्फ्रास्ट्रक्चर 15 लाख, जय माता दी इंजीनियर एवं फ्रेबीकेटर साढ़े चार लाख, खुशी इन्फ्रास्ट्रक्चर 6 लाख, पीयूष कन्सट्रक्शन 11 लाख, नरेन्द्र सिंह राजपूत 9 लाख, तिवाड़ी कन्सट्रक्शन साढ़े पांच लाख, एस एण्ड एस
कन्सट्रक्शन व एसके श्री कन्सट्रक्शन साढ़े तेरह लाख, पीएसपी एसोसिएटस 14 लाख, रतन लाल जेसीबी 3 लाख, फखरू खान ट्रैक्टर डेढ़ लाख, फैजान कन्सट्रक्शन 8 लाख, एस टू जेड 6 लाख, बालाजी कन्सट्रक्शन साढ़े तीन लाख, देव कन्सट्रक्शन 6 लाख, चित्तौड़ कोटिंग एक लाख, पीएसपीआर 75 लाख, रघुराज कन्सट्रक्शन 60 लाख, मोहम्मद अफजल 60 हजार, डीआर कन्सट्रक्शन 8 लाख, कृष्णा एन्टरप्राइजेज 50 लाख टोंक वाटर सप्लाई लिमिटेड पर बकाया चल रहे है।
read more: कन्हा की नगरी में दूध ही नहीं, पानी भी नकली, फैक्ट्री पर मारा छापा तो हुआ खुलासा संवेदक की हुई मौत पर भी नहीं पसीजेग्वालियर के नरेन्द्र सिंह राजपूत ने आठ दिसम्बर 2017 से टोंक वाटर सप्लाई लिमिटेड के साथ काम करना शुरू किया। इस दौरान 2 जुलाई 2018 को उसकी मौत हो गई। अब उसका भाई शुभम भुगतान के लिए दर्जनों चक्कर लगा चुका है। शुभम का कहना है कि परिवार आर्थिक संकट में और यहां भुगतान नहीं मिल रहा है। वहीं कम्पनी की ओर से कई माह पूर्व बिल लिए जा चुके है।
नोएडा से टोंक के लगा रहे चक्कर
बकाया बिलों का भुगतान लेने के लिए ठेकेदार टोंक वाटर सप्लाई लिमिटेड कम्पनी के टोंक कार्यालय आए। जहां उन्हें कर्मचारियों ने कहा कि भुगतान कम्पनी के नोएडा स्थित मुख्यालय से किया जाएगा। प्रदर्शन कर रहे ठेकेदारों ने बताया कि बाद में वे बिलों का भुगतान लेने के लिए नोएडा पहुंचे, जहां कम्पनी के अधिकारियों ने कहा कि वर्क ऑर्डर टोंक से मिला है तो भुगतान भी टोंक से ही किया जाएगा।
ठेकेदारों ने भुगतान नहीं मिलने की समस्या बता कर रोका हुआ है। इस मामले में कम्पनी के सीनियर अधिकारी ही कुछ बता सकते है। मामले की सूचना उच्चाधिकारियों ेको कर दी गई है।
प्रीतम, एचआर हैड, टोंक वाटर सप्लाई लिमिटेड, टोंक