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70 हजार आवेदनों पर नाराजगी का बे्रक, पंचायत सचिव व सरपंच कर रहे थे मांगों को लेकर प्रदर्शन

ग्राम सेवकों ने विभिन्न मांगों को लेकर ग्राम सभा का बहिष्कार सरपंचों ने कर दिया। इसके चलते एक बार फिर सभाएं नहीं हो पाई।  

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प्रधानमंत्री आवास योजना

जिले की 230 ग्राम पंचायतों के पास प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 70 हजार आवेदन आ चुके हैं।

टोंक. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिले की ग्राम पंचायतों के पास आवेदन तो आ गए, लेकिन पहले विभिन्न मांगों को लेकर पंचायत सचिव तथा बाद में सरंपच भी आंदोलित हो गए। इसके चलते आवेदनों की जांच नहीं हो सकी। अब इन आवेदनों की जांच शुरू की गई है। जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट जिला परिषद से राज्य सरकार को भेजी जाएगी।

जहां से ये रिपोर्ट केन्द्र सरकार के पास से मंजूर होने के बाद आवास निर्माण कराने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस निर्माण के लिए पहले सरकार ने 70 हजार रुपए तय किए थे, लेकिन बाद में ये राशि बढ़ाकर एक लाख 50 हजार रुपए कर दी गई है। इससे लाभार्थी मकान में निर्धारित मापदण्ड अनुसार निर्माण कराएंगे। जिले की 230 ग्राम पंचायतों के पास प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 70 हजार आवेदन आ चुके हैं।

बैठक में होगा अनुमोदन
इन आवेदनों की जांच के लिए ग्राम पंचायतों में विशेष सभाएं आयोजित की जा रही है। ये सभाएं पहले ही होनी थी, लेकिन ग्राम सेवकों ने विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल शुरू कर दी। ऐसे में ये सभाएं रोकनी पड़ी। इसके बाद सभाएं गत 11 व 12 मार्च को आयोजित की गई, लेकिन ग्राम सभा का बहिष्कार सरपंचों ने कर दिया। इसके चलते एक बार फिर सभाएं नहीं हो पाई।

अब ये सभाएं जल्द होंगी। इसके लिए जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओ. पी. जांगिड़ ने जिले के सभी सरपंचों तथा सचिवों की बैठक ली है। इसमें निर्देश दिए गए हैं कि वे सभाएं आयोजित करें। इन सभाओं में पंचायत के पास आए आवेदन की पहले तो जांच होगी। इसके बाद पंचायत का कोरम इसका अनुमोदन करेगा। ये अनुमोदन रिपोर्र्ट जिला परिषद के पास से राज्य सरकार तक भेजी जाएगी।

ये आवास योजना के मापदण्ड

आवास योजना के कई बिंदुओं के मापदण्ड तय किए गए हैं। इनमें पक्की छत व पक्की दीवारों वाले दो कमरे वाला मकान, बाइक, तिपहिया व चौपहिया वाहन, ऐसे परिवार जिनके पास लैण्डलाइन फोन हो, मशीनरीयुक्त दो कृषि उपकरण, 50 हजार या इससे अधिक ऋण सीमा केसीसी, किसी घर में सरकारी कर्मचारी, गैर कृषि उद्यमी परिवार, परिवार के किसी सदस्य का वेतन 10 हजार रुपए प्रति माह, आयकर, व्यवसाय कर देने वाला तथा ऐसा परिवार जिनके पास 2.5 एकड़ जमीन और एक कृषि उपकरण हो, ये परिवार योजना का लाभ नहीं ले सकते। इसके अलावा घर में फ्रीज भी नहीं हो चाहिए। इन आवेदनों की जांच उपखण्ड अधिकारी के नेृतत्व में सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक व पंचायत समन्वयक करेंगे।

सभी को निर्देश दिए हैं
हजार आवेदनों पर नाराजगी का बे्रक विभिन्न मांगों को लेकर पहले सचिव तथा बाद में सरपंच प्रदर्शन कर रहे थे। उन्हें समझाकर ग्राम सभाएं करने को कहा है। जल्द ही ये सभाएं होंगी, जिनमें आवेदनों का अनुमोदन होगा। इसके बाद रिपोर्ट राज्य सरकार से केन्द्र सरकार तक भेजी जाएगी।
ओ. पी. जांगिड़, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, टोंक