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हीरामन बाबा का मेला: 24 भट्टियों पर बनी इतने क्विंटल प्रसादी, 20 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में लाए; सड़क पर लगाई पंगत

Hiraman Baba Fair: ​टोंक जिले के रोशनपुरा गांव में लोक देवता हीरामन बाबा का पारंपरिक लक्खी मेला संपन्न हुआ। दूर-दराज के गांवों और विभिन्न जिलों से आए हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा के मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की।

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टोंक

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Anil Prajapat

Aug 28, 2025

Hiraman-Baba-Fair

लोक देवता हीरामन बाबा का पारंपरिक लक्खी मेला। फोटो: पत्रिका

टोंक। सोप उपतहसील क्षेत्र के रोशनपुरा गांव में लोक देवता हीरामन बाबा का पारंपरिक लक्खी मेला संपन्न हुआ। मेले में सुबह से ही श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। दूर-दराज के गांवों और विभिन्न जिलों से आए हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा के मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की। श्रद्धालुओं ने दूध, दही, घी, आटा, चावल, शक्कर आदि का भोग अर्पित किया।

मेले में प्रसादी वितरण के लिए विशेष प्रबंध किए गए। कुल 24 भट्टियों पर प्रसादी तैयार की गई, जिनमें से 17 भट्टियों पर पूड़ियां और 7 भट्टियों पर खीर बनाई गई। आयोजनकर्ताओं ने बताया कि प्रसादी बनाने में लाखों लीटर दूध और देशी घी का उपयोग हुआ।

श्रद्धालुओं को प्रसादी परोसने के लिए करीब 20 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में सामग्री लाई गई। सड़क के दोनों ओर लंबी-लंबी पंगतें लगाकर श्रद्धालुओं को प्रसादी का वितरण कराया गया। प्रसादी ग्रहण करने के लिए श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ उमड़ी कि दोपहर से लेकर देर शाम तक लगातार वितरण का क्रम चलता रहा।

दूर-दराज से उमड़ा जनसैलाब

मेले में केवल सोप और आसपास के गांवों के लोग ही नहीं,बल्कि इटावा, रजोपा, तलाव, खातोली, लबान, निवाई,मालपुरा, इंद्रगढ़,लाखेरी, कोटा, कापरेन, बूंदी, बारां, बरवाड़ा, सवाई माधोपुर सहित कई जिलों से भी बड़ी संया में श्रद्धालु पहुंचे। खासकर पशुपालक समुदाय से जुड़े लोगों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

प्रशासन और पुलिस की चाक-चौबंद व्यवस्था

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन और पुलिस ने विशेष इंतजाम किए। यातायात व्यवस्था के लिए मुख्य मार्गों पर बैरिकेडिंग लगाई गई और वाहनों की पार्किंग के लिए अलग से स्थान तय किया गया। स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्राथमिक उपचार केंद्र और एबुलेंस की व्यवस्था की गई। ताकि आपात स्थिति में त्वरित चिकित्सा सेवा उपलब्ध हो सके। ग्राम पंचायत और ग्रामीणों ने भी प्रशासन के साथ सहयोग करते हुए श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन और सहायता उपलब्ध कराई।

आस्था और संस्कृति का प्रतीक

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि लोक देवता हीरामन बाबा का यह मेला क्षेत्र की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान है। हर वर्ष सावन-भादवा में आयोजित होने वाले इस लक्खी मेले में हजारों लोग शामिल होकर बाबा के प्रति अपनी आस्था प्रकट करते हैं। यह मेला धार्मिक विश्वास का प्रतीक है।