
युवक की मौत के बाद मौजूद परिजन व ग्रामीण। फोटो: पत्रिका
टोंक। ईसरदा बांध परियोजना निर्माण कार्य के दौरान बुधवार दोपहर हुई दुर्घटना में एक मजदूर की मौत के बाद 22 घंटे तक चली प्रशासनिक, पुलिस अधिकारियों की समझाइश से कम्पनी व परिजनों के बीच सहमति बनी। इसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया और परिजनों को सुपुर्द किया।
ईसरदा बांध निर्माण कार्य के दौरान बुधवार दोपहर तीन बजे क्रेशर मशीन की चपेट में आने से डींग की झोपड़ियां थाना चौथ का बरवाड़ा जिला सवाई माधोपुर निवासी राम विलास केवट 35 पुत्र गिर्राज केवट की मौके पर ही मौत हो गई थी। इसके बाद परिजन व ग्रामीण ईसरदा ग्राम पंचायत के प्रशासक पुखराज गुर्जर के नेतृत्व में धरने पर बैठ गए थे।
उन्होंने कम्पनी के खिलाफ प्रदर्शन किया और मृतक के परिजनों को सरकारी नौकरी व मुआवजा की मांग की। मांग पूरी नहीं होने तक शव को मशीन से नहीं निकालने दे रहे थे। बुधवार देर रात तक उनियारा एसडीएम शत्रुघ्न सिंह गुर्जर, तहसीलदार उनियारा प्रवीण सैनी एवं ग्रामीणों के बीच की दौर की वार्ता कम्पनी के अधिकारियों की मौजूदगी में हुई। लेकिन देर रात तक सहमति नहीं हुई। इससे शव क्रेशर मशीन के पास ही रखा रहा।
गुरुवार सुबह उपखंड अधिकारी, तहसीलदार समेत ईसरदाबांध परियोजना अधिशासी अभियंता विकास गर्ग, प्रशासक पुखराज गुर्जर, परिजन रामधन केवट के बीच वार्ता व समझाइश चलती रही। लगभग 22 घंटे की मशक्कत के बाद धरना प्रदर्शन कर रहे परिजनों व कम्पनी अधिकारियों के मध्य सहमति बन सकी। परिजनों ने लिखित आश्वासन के बाद कम्पनी से चेक लिया। इसके बाद मामला शांत हुआ।
कंपनी की ओर से 15 लाख रुपए का चेक तथा पांच लाख रुपए का अन्य पोस्ट डेटेड चेक दुर्घटना बीमा कंपनी की ओर से देय बीमा राशी नहीं मिलने की स्थिति में भुनवाने की शर्त पर मौके पर दिया।चिरंजीव योजना का लाभ, मृतक के एक आश्रित को कंपनी में पांच वर्ष तक नौकरी देने पर सहमति बनी। इधर परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। मृतक परिवार में अकेला कमाने वाला था।
Published on:
12 Sept 2025 02:37 pm
बड़ी खबरें
View Allटोंक
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
