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टोंक। नगर पालिका के पुनर्गठन के बाद पंचायत राज ने ग्राम पंचायतों की स्थिति साफ कर दी। कई ग्राम पंचायतों को नगर पालिका व नगर परिषद में शामिल कर लिया। वहीं राजस्व गांवों को अब ग्राम पंचायत का दर्जा दिया गया है। इसकी अधिसूचना जारी होने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में राजनीतिक गतिविधियां शुरू हो गई है। वार्ड पंच और सरपंच बनने के लिए नेताओं ने तैयारियां शुरू कर दी है।
वार्ड व गांव स्तर पर मतदाताओं से संपर्क भी शुरू होने लगा है। कई नेता स्वयं को भावी सरपंच मान लोगों की मनुहार में जुट गए हैं। गांव में कराए जाने वाले विकास की तखमीना भी वो लोगों के सामने रखने लगे हैं। जिले में पहले 236 ग्राम पंचायत थी, जो अब 283 हो गई है। इनमें से 63 नई ग्राम पंचायतें बनी है। इनमें पंचायतराज चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है।
उनियारा पंचायत समिति क्षेत्र में 36 ग्राम पंचायत से बढ़कर अब 45 ग्राम पंचायत हो गई है। सरकार ने 9 ग्राम पंचायत बढ़ाई है। इनमें देवरी, कोटड़ी, केरोद, महुआ, रसूलपुरा, गाडौली, नाहरा रतनपुरा, महाराज कंवरपुरा शामिल है।
टोडारायसिंह पंचायत समिति क्षेत्र में बड़े स्तर पर पंचायतों का पुनर्गठन किया गया है। क्षेत्र की कुल 31 ग्राम पंचायतों में से 21 का पुर्नगठन करते हुए 8 नई ग्राम पंचायतों का सृजन किया गया है। इसके बाद अब पंचायत समिति क्षेत्र में कुल 39 ग्राम पंचायतें हो जाएंगी। पुनर्गठन में थड़ोली, मूण्डियाकला, बस्सी, बोटूंदा, कंवरावास, भांवता, दाबड़दुबा, लाबाकला, खरेड़ा, मोरभाटियान, गणेती, छाणबाससूर्या, हमीरपुर, रिण्डल्यारामपुरा तथा अलियारी सहित कई पंचायतों की सीमाओं में बदलाव किया गया है। कई स्थानों से विगठित राजस्व ग्रामों को नई पंचायतों निमेंड़ा, कांकलवाड़, रामपुरा, पथराजकला, शुभदण्ड-टोपा, गेदिया, मोडियाला और पन्द्राहेड़ा में शामिल किया गया है।
पंचायत समिति निवाई क्षेत्र में प्रशासनिक पुनर्गठन के तहत 13 नई ग्राम पंचायतों का गठन किया गया है। सहायक विकास अधिकारी नंदकिशोर शर्मा ने बताया कि पंचायत समिति में पूर्व में कुल 41 ग्राम पंचायतें थी। इनमें से चैनपुरा और ढाणी जुगलपुरा ग्राम पंचायतें अब नगरपालिका निवाई में समिलित कर दी गई है। वहीं, अरनिया ग्राम पंचायत का मुख्यालय चुराडा में स्थानांतरित किया गया है। पुनर्गठन प्रक्रिया के दौरान जिस 13 नई ग्राम पंचायतों का गठन किया गया है, उनमें भांवता, आकोडिया, केरोद, जगतपुरा, बंशीपुरा, करीरिया, सीपुरा-कुरावदा, गुढ़्ढा आनंदपुरा, हिगोटिया, हरभांवता, सजिया, संग्रामपुरा और रामनगर धतूरी शामिल हैं।नई इकाइयों के गठन के साथ ही पंचायत समिति निवाई में ग्राम पंचायतों की संया 41 से बढ़कर अब 52 हो गई है।
मालपुरा पंचायत राज विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के बाद मालपुरा पंचायत समिति क्षेत्र में ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन पूरा हो गया है। पुनर्सीमांकन के बाद क्षेत्र में अब ग्राम पंचायतों की कुल संख्या 42 हो गई है। अधिसूचना के अनुसार बृजलालनगर, लाबाहरिसिंह, डिग्गी, रिंडिलिया बुजुर्ग, देवली और चावण्डिया सहित छह ग्राम पंचायतों को समाप्त कर दिया गया है। पुनर्गठन से पहले मालपुरा क्षेत्र में 38 ग्राम पंचायतें थीं, जिनमें छह पंचायतों के विलोपित होने के बाद संख्या 32 रह गई थी। इनमें से डिग्गी और लाबाहरिसिंह को नगरपालिका का दर्जा दे दिया गया है। बापडून्दा ग्राम पंचायत-बापडून्दा, सांस, डोरिया ग्राम पंचायत-आखतड़ी, तुन्देड़ा, चकनगर, अरनिया बस्सी ग्राम पंचायत-डेंचवास, बस्सी, डूंगरीखुर्द ग्राम पंचायत-नमूकिया, भावलपुर, रायपुरिया, प्रतापपुरा ग्राम पंचायत-तांतियां, रतनपुरा, हिण्डोला, लायाजुनारदार ग्राम पंचायत-संग्रामपुरा, फूलमालियान, पीपल्या ग्राम पंचायत-रायथला, हरनोदा, श्रीरामपुराबास, अजमेरी ग्राम पंचायत-बाढ़अजमेरी, प्रतापपुरा, बालापुरा, नयागांव, गुलाबपुरा ग्राम पंचायत-गुलाबपुरा, कुहारिया, माधोनगर, सेलसागर, राजपुराबास ग्राम पंचायत-राजपुराबास, सूरसागर, अबापुरा, अजीतपुरा, बनेडिया चारणान पुनर्गठन के बाद नई पंचायतों में प्रशासनिक व्यवस्था और चुनाव प्रक्रिया आगामी अधिसूचनाओं के अनुसार लागू होगी।
टोंक पंचायत समिति क्षेत्र में पहले 25 ग्राम पंचायतें थी। सरकार ने यह संख्या अभी 25 ही रखी है। इसमें बमोर, सोनवा, डारडाहिंद, चंदलाई और सोनवा ग्राम पंचायत को नगर परिषद मेें शामिल कर लिया। जबकि झालरा, घांसड़ी, साड़ा गांव, नूरपुरा खेड़ा और चिरोंज गांव को ग्राम पंचायत का दर्जा दिया है।
पंचायत समिति पीपलू में 9 नई ग्राम पंचायतों का गठन किया गया है। नई घोषित पंचायतों में अरनिया कांकड़, नयाटीला, रहीमनगर, नवरंगपुरा, हड्डी खुर्द, कुरेड़ी, मुंडिया, सिसोला व अनवरपुरा खेड़ा ढोढरिया शामिल है। इनके गठन के बाद अब पीपलू पंचायत समिति में कुल 31 ग्राम पंचायतें हो जाएंगी। वहीं दूसरी ओर, नाथड़ी, काशीपुर और पीपलू पंचायतों को मिलाकर नई नगरपालिका बनाई गई है, जिससे क्षेत्र में शहरी सुविधाओं के विस्तार की उम्मीद बढ़ी है। नई पंचायतों के गठन के बाद अब पीपलू में 31 सरपंचों का चुनाव होगा। इससे गांवों में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है और चुनावी सरगर्मियां बढ़ने लगी हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में उम्मीदवारों द्वारा सक्रियता बढ़ने के साथ ही स्थानीय स्तर पर चर्चा का दौर भी तेज हो गया है।
जिला प्रशासन की ओर से जिले के पचेवर व दत्तवास ग्राम पंचायत मुख्यालय को पंचायत समिति बनाने का प्रस्ताव भी सरकार के पास भेजा था। लेकिन इसे मंजूरी नहीं मिली। ऐसे में टोंक जिले में टोंक, निवाई, पीपलू, मालपुरा, टोडारायसिंह, देवली और उनियारा में ही पंचायत समिति रहेगी।
देवली पंचायत समिति के अंतर्गत ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन पूरा हो गया है। इस प्रक्रिया में कुल 38 ग्राम पंचायतों का पुनर्सीमांकन किया गया और 10 नई ग्राम पंचायतें स्थापित की गईं। अब पंचायत समिति में कुल 48 ग्राम पंचायतें होगी। राजस्थान राजपत्र के विशेषांक में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार यह पुनर्गठन राजस्थान पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 98 के तहत किया गया। इसमें ज़लिा कलेक्टर को प्रस्ताव तैयार करने, सार्वजनिक अवलोकन हेतु प्रसारित करने, एक माह में आपत्तियां आमंत्रित करने और सुनवाई करने का अधिकार दिया गया था। इसके पश्चात शुक्रवार को ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विभाग के शासन सचिव डॉ. जोगाराम द्वारा अधिसूचना जारी की गई। अधिसूचना के अनुसार पुनर्गठित और नवसृजित ग्राम पंचायतों के चुनाव के बाद पुरानी पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा और नई पंचायतें अपना कार्यभार संभालेंगी। रामथला, सिरोही, नया गांव (राजमहल), नया गांव (राजकोट), मुगलाना, सरोली, ठिकरिया कला, धुवांखुर्द, जगन्नाथपुरा और बीसलपुर। पहले से मौजूद ग्राम पंचायतों आवां, बालून्दा, बंथली, धुवांकला, नगरफोर्ट, निवारिया, नासिरदा, संथली, सीतापुरा और टोकरावास की सीमाएं यथावत रहेंगी। देवली गांव अब नगर पालिका में शामिल होने के कारण समाप्त हो गई है।
Updated on:
22 Nov 2025 02:41 pm
Published on:
22 Nov 2025 02:40 pm
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