
82 वर्षीय वृद्धा को कागजों में 'मृत' घोषित कर पेंशन बंद: फोटो पत्रिका
टोंक। मालपुरा उपखंड के लावा गांव में सरकारी लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां 82 वर्षीय जीवित महिला मूली देवी को कागजों में 'मृत' घोषित कर उनकी सामाजिक सुरक्षा पेंशन पिछले छह महीनों से रोक दी गई है। लावा गांव निवासी मूली देवी पत्नी सूरजकरण अब अपनी पेंशन दोबारा शुरू कराने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही है, लेकिन उन्हें अब तक कोई राहत नहीं मिली है। अधिकारियों की इस चूक का खमियाजा एक बेसहारा बुजुर्ग को भुगतना पड़ रहा है।
मूली देवी ने बताया कि वो अपनी वृद्धावस्था पेंशन पर निर्भर है, पिछले कई महीनों से रुकी हुई पेंशन का कारण जानने के लिए दर-दर भटक रही थी। पंचायत समिति कार्यालय तक गईं, लेकिन किसी ने उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं दिया। हाल ही में जब उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों से संपर्क किया, तो उन्हें बताया गया कि सरकारी रिकॉर्ड में उन्हें 'मृत' घोषित कर दिया गया है, जिससे उनकी पेंशन रोक दी गई है।
यह सुनकर मूली देवी के पैरों तले से जमीन खिसक गई। मूली देवी ने दुखभरी आवाज में कहा। 'मैं जिंदा हूं, सांस ले रही हूं, लेकिन सरकारी फाइल में मुझे मार दिया गया है, यह कैसा न्याय है। दवा और खाने-पीने का खर्च कैसे चलाऊंगी। गौरतलब है कि मूली देवी के पति की करीब चार साल पहले मौत हो चुकी। इनके पास खेती की जमीन भी नहीं है। एक पुत्र है जो मजदूरी कर जैसे तैसे घर खर्च चला रहा है।
वृद्धा की पेंशन फिर से शुरू करने को लेकर प्रशासन को पत्र लिखा है। ग्राम में यह सिर्फ एक मामला नहीं है, बल्कि ऐसे कई बुजुर्ग हैं, जिन्हें सरकारी लापरवाही के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन जल्द से जल्द मूली देवी की पेंशन बहाल कर इन्हें राहत पहुंचाए।
कमल जैन, पंचायत प्रशासक ग्राम पंचायत लावा
Published on:
11 Sept 2025 07:31 pm
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