Samarwata Violence Case: टोंक जिले के समरावता गांव में 13 नवंबर 2024 को हुई हिंसा और आगजनी के मामले में मुख्य आरोपी नरेश मीणा की चार्ज बहस टोंक SC/ST कोर्ट में पूरी हो चुकी है। सोमवार को हुई सुनवाई में विशेष लोक अभियोजक (स्पेशल पीपी) की ओर से बहस पूरी की गई, जबकि आरोपी पक्ष की ओर से पहले ही बहस हो चुकी थी।
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 24 जून की तारीख तय की है। तब तक नरेश मीणा को टोंक जिला कारागृह में न्यायिक हिरासत में ही रहना होगा। इस मामले में नरेश मीणा की ओर से अधिवक्ता फतेहराम मीणा ने पैरवी की।
यह मामला पिछले साल देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में उप-चुनाव के दौरान हुआ था। नरेश मीणा ने मतदान में कथित अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए क्षेत्र में ड्यूटी पर तैनात मालपुरा के एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ जड़ दिया था। इस घटना के बाद पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार करने के लिए समरावता गांव पहुंची, जहां उनके समर्थकों ने गिरफ्तारी का विरोध किया।
विरोध के दौरान हिंसा भड़क उठी, जिसमें पथराव और आगजनी की घटनाएं हुईं। इस हिंसा में कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने नरेश मीणा सहित 63 लोगों को गिरफ्तार किया था। 14 नवंबर 2024 को नरेश को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया और 6 फरवरी 2025 को पुलिस ने उनियारा के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।
बताते चलें कि एसडीएम को थप्पड़ मारने के मामले में नरेश मीणा को राजस्थान हाई कोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है। हालांकि, हिंसा और आगजनी के इस मामले में फैसला अभी बाकी है। चार्ज बहस के दौरान नरेश मीणा को कोर्ट में पेश नहीं किया गया। कोर्ट के फैसले के बाद ही यह तय होगा कि नरेश मीणा जेल से बाहर आ पाएंगे या नहीं। बता दें कि पिछले सात महीनों से नरेश मीणा न्यायिक हिरासत में हैं।
Updated on:
16 Jun 2025 08:02 pm
Published on:
16 Jun 2025 12:09 pm