29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Rajasthan Rain: चार दशक का रिकॉर्ड, जुलाई माह में पहली बार छलका टोंक जिले का यह बांध, लोगों में खुशी की लहर

Tordi Sagar Dam: टोरडी सागर बांध की 40 साल में पहली बार जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में चादर चली। इससे टोंक जिलेवासियों को खुशी है।

2 min read
Google source verification

टोंक

image

Santosh Trivedi

Jul 06, 2025

tordi sagar dam

रियासतकाल में निर्मित टोरडी सागर बांध। Photo- Patrika

Tordi Sagar Dam: टोंक/टोडारायसिंह। रियासत काल में निर्मित टोरडी सागर बांध की चार दशक में पहली बार जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में चादर चली। जबकि 29 वर्ष में तीसरी बार चादर चलने से टोंक जिलेवासियों को खुशी है।

आजादी से पूर्व सन् 1887 में सहोदरा नदीं पर टोरडी गांव के निकट निर्मित टोरडी सागर बांध का निर्माण कराया गया था। बीते तीन चार दशक के सरकारी रिकार्ड अनुसार टोरडी सागर बांध पूर्ण भराव के साथ पहली बार जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में 5 जुलाई को चादर चली। जबकि इससे पहले 5 अगस्त को 1996 में पहली बार, 5 अगस्त 2024 को दूसरी बार चली थी।

इस दरमियान, बांध की करीब तीन से 5 फीट चादर लंबे समय तक चलने से टोडारायसिंह-मालपुरा मार्ग डेढ़ माह से अधिक समय तक बाधित रहा वहीं डाउन स्ट्रीम के दर्जनों गांव अनावश्यक पानी से प्रभावित रहे। इधर, 29 वर्ष में तीसरी बार पूर्ण भराव पर टोडारायसिंह, मालपुरा ही नहीं बल्कि जिले के टोंक व पीपलू क्षेत्र में खुशी है। टोरडी कमाण्ड क्षेत्र में जिले के करीब 64 गांवों की कृषि भूमि सिंचित होती है।

उल्लेखनीय है कि रियासतकाल में सन् 1887 में निर्मित टोरडी सागर बांध तात्कालीन वास्तुकला व बैजोड़ता को संजोए आज भी अडिग है। 30 फीट भराव क्षमता वाले टोरडी सागर बांध से सिंचाई को लेकर तात्कालीन समय से तीन नहरे साउथ कैनाल, नोर्थ कैनाल व मीडिल कैनाल का निर्माण किया गया। करीब 175 किमी. परिधि क्षेत्र में निर्मित नहरों से वर्तमान में मालपुरा आंशिक, टोडारायसिंह, पीपलू व टोंक तहसील क्षेत्र के 64 गांवों की हजारों हैक्ट. भूमि सिंचित होती है।

करीब 130 साल पुराना टोरडी सागर बांध, 1996 में भी ओवरफ्लो हुआ, करीब चार फुट से अधिक चादर चलने पर पानी के अत्यधिक दबाव के बीच नजदीक से गुजर रही रेलवे पटरी व टोडा-मालपुरा सडक़ मार्ग टूट गया था। नहरे क्षतिग्रस्त हुई। फिर 28 वर्ष बाद ओवर फ्लो की स्थिति में बांध की साढ़े 3 फीट से अधिक चादर चली तथा ओवर फ्लो के कारण टोडारायसिंह-मालपुरा मार्ग डेढ़ माह तक अवरूद्ध रहा।

टोरडी सागर बांध पर एक नजर में

बीते दशक में टोरडी सागर बांध में वर्ष 2014 में 27 फीट पानी आया, जबकि वर्ष2015 में 13.5 फीट, वर्ष 2016 में 13 फीट, वर्ष 2017 में 3.9 फीट, वर्ष 2018 में 10 फीट, वर्ष 2019 में 23.9 फीट, 2020 में 22.11 फीट, वर्ष 2021 में 13.11 फीट, वर्ष 2022 में 27.3 फीट, वर्ष 2023 में 22 फीट, वर्ष 2024 में 30 फीट, वर्ष 2024 मेंं 30 फीट प्लस 3.50 फीट ओवर फ्लो व 2025 में 30 फीट पूर्ण भराव के साथ ओवर फ्लो चादर चली।