read more: हादसों को आमंत्रण दे रहे हैं जगह-जगह झूलते तार, शिकायत के बाद भी विभाग नही दे रहा ध्यान उल्लेखनीय है की बीसलपुर बांध का तीन साल बाद पूर्ण भराव होने के बाद दस दिनों से छोड़े जा रहे पानी के बाद बनास नदी पूर्ण वैग से बह रही है। पानी आने के बाद नदी के किनारें स्थित गांवों के जलस्रोतों में धीरे-धीरे पानी की बढ़ोत्तरी होने लगी है।
हालांकि स्रोतों में आवक कम मात्रा में हो रही है, लेकिन नदी के अनवरत चलते रहने से स्रोतों में ओर अधिक बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। बंथली के सीताराम शर्मा व ओमजी जाट ने बताया की पहले नदी किनारे स्थित कई स्रोतों में पानी तालों गहरा चला गया था तो कई सुख चुके थे मगर तीन साल बाद भरे बांध से छोड़े गए पानी से स्रोतों में पानी की आवक होने लगी है।
read more:बीसलपुर से मावटा भरा तो नहीं होगा पेयजल वयवस्था पर कोई असर,बढ़ेगा जलस्तर ग्रामीण गिरिराजसिंह राजावत व शिवपाल मीणा ने बताया की धीरे-धीरे स्रातों में पानी की आवक में बढ़ोत्तरी होगी ओर पानी कुओ की मुड़ेर छु लेंगा। गौरतलब है की बनास में पानी की आवक से जिले के राजमहल, सतवाड़ा, संथली, बंथली, विजयगढ़, सरोली, जूनिया, जलसीना, जरेली, नोहन्दपुरा, देवड़ावास, नयागांव, आमली-देवल्या, जगत्या, भरनी, छान, गहलोद घाट सहित राणोली-कठमाणा, पीपलू गांवों के स्रोतों में जलस्तर बढऩे लगा है।
read more: नहाते हुए का विडियो वायरल करने की धमकी दे विवाहिता से किया बलात्कार ग्रामीणों को परेशानी से मिलेंगी निजातबनास नदी में पानी की आवक के साथ ही स्रोतों में बढ़ रहे जलस्तर से ग्रामीणों में खुशी की लहर है। स्रोतों में पानी की आवक होने से आगामी समय में गंभीर पेयजल से निजात मिल सकेंगी। गौरतलब है की कई गांव ऐसे है जहां पेयजल लाइनें नहीं होने के चलते परम्परागत कुए व हैडपम्प ही मुख्य पेयजल स्रोत है। ऐसे में भीषण गर्मी में यह स्रोत ही ग्रामीणों का सहारा है। वही उक्त स्रोत बारह महिनों मवेशियों की भी प्यास बुझाते है।