
उदयपुर . ख्यात नृत्यांगना और नाचे मयूरी फिल्म फेम सुधा चन्द्रन ने कहा कि युवावस्था में बच्चों की सोच अपने माता-पिता से अलग होती चली जाती है। ज्यादातर बच्चे यह सोचते हैं कि उनके अभिभावक उनकी सोच और स्वतंत्रता के बीच बाधक हैं। लेकिन, यह सच नहीं है। माता-पिता अपने बच्चों के प्रति कभी गलत नहीं हो सकते है।
वे शनिवार को रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में भागीदारी के लिए लेकसिटी की मेहमान बनी मीडिया से मुखातिब थीं। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यदि मन में दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो कोई भी लक्ष्य पाना असंभव नहीं है। एक हादसे में पैर गंवाने के बाद एक बारगी मुझे भी लगा कि अब मेरे लिए कभी नृत्य करना मुमकिन नहीं हो पाएगा। लेकिन, सब जानते हैं कि कैसे डॉक्टर्स की मेहनत और विश्वास के अलावा मेरे मजबूत इरादों ने इतिहास रच दिया।
इस अवसर पर डांस प्लस सीजन-2 के विजेता रहे मूलत: कानोड़ निवासी 15 वर्षीय तनय मल्हारा ने बताया कि वे महज 4 वर्ष की उम्र से ही नृत्य साधना करते इस क्षेत्र में कम उम्र में कई सफलताएं भी पाईं हैं। लेकिन, सिंगापुर में आयोजित एशियन योगा स्पोट्र्स चेम्पिनशिप में देश का प्रतिनिधित्व करते जब 3 गोल्ड मेडल हासिल किए, वो उनके जीवन का गौरवशाली लम्हा रहा। तनय डांस व योगा दोनों को मिक्स कर कन्टम्प्रेरी डांस करते हैं। उसने नृत्य निर्देशक रेमो डिसूजा द्वारा निर्देशित फिल्म एबीसीडी-3 में भी अभिनय किया है। इस दौरान बालाजी टेलीफिल्म्स से जुड़े तथा सीरियल नागिन-2 के निर्देशक मूलत: कानोड़ निवासी अली ने भी मायानगरी मुंबई के अपने अनुभव साझा करते कहा कि युवाओं को सदैव लक्ष्य के प्रति सजग रहते ईमानदारी से काम करना चाहिए। उनके जेहन में हमेशा देशप्रेम की भावना रहे और वे नशे तथा ड्रग्स को दृढृता से नकारना सीखें।
Published on:
13 Jan 2018 07:48 pm
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